सरलता और सहजता में हिंदी का कोई मुकाबला नहीं : संजय गर्ग
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पंकज राज
हरिद्वार : भगवानपुर स्थित बी डी इंटर कॉलेज में 14 सितंबर को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ हिंदी दिवस मनाया गया। इस दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा चित्रकला प्रदर्शनी एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।
मातृभाषा हिंदी के विषय में बोलते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय गर्ग ने कहा कि भारत विभिन्न संस्कृतियों एवं विविधताओं का देश है। यहां हर बीस किलोमीटर पर लोगों का रहन-सहन,खान-पान,पहनावा एवं भाषा बदल जाती है। इतने विविध भाषाओं वाले देश में भी हिंदी ने अपना एक विशिष्ट स्थान बनाया है। हिंदी इतनी सरल एवं सहज भाषा है कि यह आज हर भारतीय के मनोभावों को पढ़ने एवं जानने में समर्थ है तथा एक दूसरे के बीच संपर्क एवं समन्वय स्थापित करने में सक्षम है। प्रधानाचार्य ने कहा कि प्रत्येक देश ने अपनी अपनी भाषा में ज्ञान-विज्ञान में प्रवीणता प्राप्त की है। अंग्रेजी भाषा की मानसिक दासता के गुलाम लोग,जिन पर अंग्रेजी बुरी तरह से हावी हो चुकी है,यह तर्क देते हैं कि बिना अंग्रेजी के भारत पिछड़ जाएगा। उनके लिए हिंदुस्तान प्रत्यक्ष उदाहरण है ।आजादी के पश्चात भारत ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहित अनुसंधान के क्षेत्र में भी आशातीत सफलता प्राप्त की है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि जब जापान,जर्मनी एवं इजराइल जैसे देश अंग्रेजी के बिना अपनी-अपनी मातृभाषा में प्रगति के कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं तो हम अपनी मातृभाषा हिंदी में ऐसा क्यों नहीं कर सकते? दुनिया की कोई भी भाषा हिंदी की सरलता की बराबरी नहीं कर सकती।
हिंदी भाषा की शिक्षिका श्रीमति कल्पना सैनी ने कहा कि देश को आजाद कराने में जिन नारों एवं उदघोषों का प्रयोग हुआ वह सभी हिंदी में लिखे एवं बोले गए थे। वंदे मातरम,भारत माता की जय,करो या मरो,तुम मुझे खून दो,मैं तुम्हें आजादी दूंगा,सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,इंकलाब जिंदाबाद,आराम हराम है,विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,झंडा ऊंचा रहे हमारा आदि नारे एवं उद्घघोष हिंदी भाषा में ही लिखे एवं बोले गए। श्रीमति सैनी ने पूछा कि क्या इन नारों एवं उद्घघोषों के बिना क्रांतिकारियों में जोश भरा जा सकता था?
हिंदी भाषा के शिक्षक नेत्रपाल ने कहा कि हिंदी भाषा में रोजगार के सबसे अधिक अवसर हैं। इन अवसरों में अध्यापन से लेकर पत्रकारिता,एंकरिंग,सामग्री लेखन एवं अनुवादक आदि कार्य शामिल हैं। हिंदी पढ़कर हम न केवल देश में संतोषप्रद एवं अच्छी आमदनी प्राप्त करने वाली नौकरी प्राप्त कर सकते हैं वरन हिंदी पढ़कर विदेश में भी रोजगार की अनेकों संभावनाएं हैं।
इस मौके पर विद्यालय में कक्षा 6 के छात्र-छात्राओं ने एक चित्रकला प्रदर्शनी तथा भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया। चित्रकला प्रदर्शनी के माध्यम से कक्षा 6 की छात्रा भूमि,जिया,मधु, मानसी तथा राधिका आदि ने पूर्व में हिंदी की गौरव गाथा तथा वर्तमान में हिंदी की दुर्दशा का बहुत ही सुंदर चित्रण किया। हिंदी ही राष्ट्र को एक सूत्र में पिरों सकती है विषय पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में कक्षा 12 की कु. बुशरा ने प्रथम स्थान,मनीषा ने द्वितीय स्थान तथा कक्षा 11 की फरीन ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
इस अवसर पर संजय पाल,निखिल अग्रवाल,कु. ललिता,पारुल देवी,अनुदीप,सुधीर सैनी,विजय त्यागी,अर्चना पाल,रितु वर्मा,संगीता गुप्ता, जुल्फिकार एवं सोलंकी आदि शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।