क्या कांग्रेस हरिद्वार में कर पाएगी परिवर्तन [टिकट को लेकर गुटबाजी चरम पर]
क्या कांग्रेस हरिद्वार में कर पाएगी परिवर्तन [टिकट को लेकर गुटबाजी चरम पर]
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
-कुमार दुष्यंत
हरिद्वार।हरिद्वार में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा शनिवार से शुरू हो रही है। लेकिन हरिद्वार सीट पर कांग्रेसियों में टिकट को लेकर जो खींचतान है, उससे इस सीट पर कांग्रेस का परिवर्तन का लक्ष्य दूर दिखाई दे रहा है।हरिद्वार नगर विधानसभा सीट जिले की प्रतिनिधि विधानसभा सीट है। इस सीट पर हार-जीत सभी दलों के लिए अहम होती है। इस विधानसभा में किसी दल की हार या जीत पूरे जिले में उसके समीकरणों को प्रभावित करती है।पिछले दो दशक से यहां भाजपा के मदन कौशिक कांग्रेस सहित सभी दलों के लिए चुनौती बने हुए हैं।क्योंकि इस सीट पर एक समय लंबे समय तक कांग्रेस का वर्चस्व रहा है।इसलिए हरिद्वार की हार कांग्रेस को टीस देती रहती है।इसबार कांग्रेस ने हरिद्वार में भी परिवर्तन का लक्ष्य रखा है और इसको लेकर पार्टी उत्साह से लबरेज है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि इसबार भाजपा के पक्ष में कोई लहर नहीं है।इसलिए 2022 में यहां भाजपा प्रत्याशी को आसानी से घेरा जा सकता है। लेकिन कांग्रेस के भीतर पार्टी से टिकट हासिल करने को लेकर जो घमासान है, उससे यहां 2022 में परिवर्तन का कांग्रेस का सपना पूरा होता नहीं दीख रहा।कांग्रेस में फिलहाल टिकट के दो प्रमुख दावेदार पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी व मेयर पति अशोक शर्मा हैं। ब्रह्मचारी 2012 विधानसभा चुनाव में एकबार कौशिक से भिड़ चुके हैं और इसबार उन्हें पछाड़ना चाहते हैं। पत्नी को मेयर निर्वाचित कराने के बाद से पूर्व सभासद अशोक शर्मा के हौसले भी बुलंद हैं। कौशिक से उनकी पुरानी राजनीतिक अदावत है और आगामी चुनाव में वह उनसे दो-दो हाथ कर लेना चाहते हैं। लेकिन कांग्रेस से टिकट की आस संजोए इन दोनों दावेदारों मेंजबरदस्त खटास है।अशोक शर्मा प्रीतमसिंह गुट के हैं। जबकि सतपाल हरीश रावत के खास हैं।दोनों अपने आकाओं के दम पर पार्टी का टिकट हासिल करने के लिए खम ठोंक रहे हैं और इसके लिए दोनों ने दरम्यान लाईन खींच रखी है। सतपाल ब्रह्मचारी जहां ऊषाब्रेको मामले पर मेयर अनिता शर्मा की भूमिका पर खुलेआम उंगली उठा चुके हैं, वहीं मेयर प्रतिनिधि अशोक शर्मा सतपाल ब्रह्मचारी के पालिकाध्यक्ष कार्यकाल की कमियां व गलत फैसले ढूंढ ढूंढकर गिना रहे हैं। इन दोनों के बीच पार्टी भी दो खेमों में बंटी दिखाई दे रही है।हालात ये हैं कि परिवर्तन यात्रा के जो पोस्टर शहर में लगे हैं उनमें अशोक शर्मा सहित छोटे छोटे कार्यकर्ताओं की भी तस्वीरें हैं लेकिन सतपाल ब्रह्चारी की शक्ल गायब है। कांग्रेस का यह भीतरी अलगाव हरिद्वार विधानसभा में उसे परिवर्तन के लक्ष्य से दूर कर रहा है।____________________
•पिछले चुनाव परिणाम•
-जीते- -हारे-
2002- मदन कौशिक - पारसकुमार जैन
2007- मदन कौशिक - अंबरीश कुमार
2012 - मदन कौशिक - सतपाल ब्रह्मचारी
2019 - मदन कौशिक - ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी