डॉ.पंडित सुरजीत मुखर्जी को ज्योतिष में उपलब्धियों के लिए उज्जैन में मिला अवध गौरव सम्मान
डॉ.पंडित सुरजीत मुखर्जी को ज्योतिष में उपलब्धियों के लिए उज्जैन में मिला अवध गौरव सम्मान
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
हरीश वलेजा
हरिद्वार। महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन, मध्यप्रदेश के निकट राष्ट्रीय ज्योतिष एवं रुद्राक्ष अनुसंधान संस्थान एवं अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष महासंघ के संयुक्त तत्वावधान में अपने आजीवन सदस्यों के लिए निशुल्क अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह आयोजित किया गया।कार्यक्रम का आरंभ भारतमाता की भव्य प्रतिमा में माल्यार्पण, भारतमाता के जयघोष और स्वस्तिवाचन के साथ हुआ।इस समारोह में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के विद्वान उपस्थित रहे, जिनमे दिल्ली से डॉ. अजय भाम्बी, म.प्र. शासन के मंत्री श्री विभाष उपाध्याय, दिल्ली से आचार्य पदम उपाध्याय, हॉलैंड यूरोप से श्री सुरिंदरे जी, आर एस एस के मालवा प्रान्त प्रभारी श्री विजय केवलिया, इंदौर से पं. दिनेश गुरु जी व पंकज शर्मा पाटनवाले आदि उपस्थित रहे।आयोजक संस्था के सभी प्रमुख पदाधिकारी / कार्यकारिणी समिति उपस्थित रही जिनमे कर्नाटक से श्री शांतिनाथ व हरिशंकर जोइस, कोलकाता से पं सुरजीत मुखर्जी, नेपाल से पं. यज्ञराज जी, भोपाल से पं कृपाराम उपाध्याय, डॉ हेमचंद्र पांडेय, श्री श्याम कुमार ताम्रकार, सुश्री पूजा मिश्रा, सुश्री निशा शर्मा, श्री विनोद दुराफे, श्री अजय निमोणकर, उज्जैन से डॉ. प्रियंका चौबे, पं रितेश हाड़ा, सविता हाड़ा, पं शैलेंद्र व्यास व रोहित वर्मा, कानपुर से पं नितिन मिश्र व श्री सुधांशु अवस्थी, आगरा से श्रीमती सविता खंडेलवाल, लखनऊ से पं कुलसौरभ शुक्ल व आचार्य पंकज त्रिवेदी, दिल्ली से श्री बलबीर सिंह व श्री रविन्द्र कुमार, गुजरात से श्री प्रकाश त्रिवेदी व श्री संजयभाई व्यास व श्री भबिन देसाई, जबलपुर से श्री अभिषेक शरण, महामंडलेश्वर कमल किशोर जी, कोटा से श्री अरुण मित्तल जी, सिवनी से डॉ नीलेश श्रीमाली जी, भादवामाता पंचांगकर्ता पं भागीरथी जोशी जी आदि संस्था के प्रतिनिधि / कार्यकर्ता के रूप में उपस्थित रहे।इसके अतिरिक्त सम्पूर्ण भारत से ज्योतिष एवं विभिन्न आध्यात्मिक विधाओं के प्रमुख विद्वान उपस्थित रहे।आयोजक संस्था का उद्देश्य आध्यत्म, ज्योतिष एवं वैदिक सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार करना एवं इन विधाओं के विद्वानों को सम्मानित करने के साथ साथ नए ज्योतिषियों को ज्ञान के साथ मान सम्मान प्रदान करना है जिससे सम्पूर्ण विश्व मे भारत का झंडा ऊंचा रहे।