ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं ने रखा अहोई माता का व्रत,संतान हेतु दीर्घायु की कामना की
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पीयूष चौहान
हरिद्वार : कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर अहोई माता का व्रत बृहस्पतिवार को महिलाओं ने अपनी संतान की दीर्घायु के लिए रखा। पंडितों और ज्योतिषियों की मानें तो यूं तो अहोई अष्टमी का व्रत करवा चौथ के तीन दिन बाद आता है, लेकिन इस बार अष्टमी तिथि बृहस्पतिवार को होने के कारण हरिद्वार ग्रामीण में अहोई का व्रत रखा गया है। पंडित राकेश पैन्यूली का कहना है कि इस व्रत का महात्मय अहोई अष्टमी पर व्रत को खोलने का होता है। इसलिए इस व्रत को तारे को अर्घ्य देकर खोलें। उस समय अष्टमी तिथि होनी चाहिए। इसलिए आज शाम को हरिद्वार ग्रामीण की महिलाओं के द्वारा अहोई माता की पूजा विधि विधान के साथ की गई, तत्पश्चात तारों को अर्घ्य देकर अपने व्रत का पारण किया गया। महिलाओं का कहना है कि इस दिन हम अपनी संतान के लिए पूरे दिन भूखे प्यासे रहकर उनकी लंबी उम्र हेतु इस व्रत को करते हैं तथा अहोई माता से प्रार्थना भी करते हैं कि भविष्य में हमारी संतान को किसी प्रकार का कोई कष्ट ना झेलना पड़े तथा उनके जीवन काल को दीर्घ बनाने में अपना आशीर्वाद प्रदान करें।