ज्वालापुर निवासी जीआईसी भेल के छात्र ने ढाई लाख रूपए लौटाकर पेश की इमानदारी की मिसाल
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पंकज राज/दीपक चौहान
हरिद्वार : ईमानदारी केवल किताबों में ही नहीं है। हकीकत की दुनिया में भी ईमानदारी जिंदा है। अक्सर लोग इसे साबित भी करते हैं। राजकीय इंटर कालेज भेल सेक्टर वन के 12वीं के छात्र ज्वालापुर के नीलखुदाना निवासी उजैर ने सडक पर पड़े मिले ढाई लाख रूपए लौटाकर ईमानदारी की मिसाल पेश की है।
राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य सुनित कुमार, शिक्षिका अंजू सैनी, कविता शर्मा, नुसरत बेगम, ज्योति बिजलवान, शिक्षक सतीश सैनी, मुकेश कुमार, प्रदीप कुमार आदि ने जुबैर को पुरस्कार प्रदान कर आशीर्वाद दिया। उजैर ने बताया कि शनिवार को स्कूल की छुट्टी होने पर वह साईकिल से अपने घर ज्वालापुर लौट रहा था। वापस लौटते भेल मैटीरियल गेट के निकट स्कूटी से जा रहे एक व्यक्ति का थैला गिर गया। थैला गिरते देख उसने स्कूटी सवार को कई आवाजें लगाई लेकिन जल्दबाजी में जा रहे स्कूटी सवार ने आवाज नहीं सुनी। जब उसने थैला उठाकर देखा तो उसमें कुछ कागजात तथा काफी रुपया था। उसने थैला उठाया और स्कूटी सवार को ढूंढते हुए ट्रेनिंग स्कूल के चौराहे के समीप पहुंचा तो वह बदहवास स्थिति में सडक पर कुछ ढूंढता हुआ मिल गया। उसने जब जानकारी की और यह पक्का हो गया कि थैला उसी का था तो उसने अपने बैग में सुरक्षित रखा थैला और उसमें मौजूद पैसे उस व्यक्ति को वापस कर दिए। इस पर वह व्यक्ति बहुत खुश हुआ उसने बताया कि वह अपनी बहन की शादी के लिए बैंक से पैसा निकाल कर ले जा रहा था। उसने बताया कि सडक पर गिरी रकम ढाई लाख रुपए थी। बहन की शादी के लिए निकाले पैसे मिलने पर उसने उजैर को बहुत-बहुत आभार व्यक्त किया। प्रधानाचार्य सुनित कुमार ने उजैर ने प्रशंसा करते हुए कहा कि ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए उजैर ने रास्ते में पड़े मिली ढाई लाख रुपए की रकम उसके वास्तविक स्वामी को वापस कर अपने परिजनों व विद्यालय का नाम रोशन किया है। उन्होंने बताया कि उजैर विद्यालय में 12वीं बायोलॉजी का छात्र है तथा पढ़ाई के प्रति संजीदा है। उजैर के पिता नवाब अली कारपेंटर का काम करते हैं। परिवार की साधारण आर्थिक स्थिति के बावजूद ईमानदारी की मिसाल पेश करने वाले उजैर पर विद्यालय के सभी शिक्षकों, शिक्षिकाओं व छात्र-छात्राओं को गर्व है। अपने पुत्र की इस ईमानदारी पर उजैर के माता पिता ने भी फख्र महसूस करते हुए उसकी प्रशंसा की।