शीतकाल के लिए बंद किए गए बद्रीनाथ धाम के कपाट
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दीपक चौहान
बद्रीनाथ : शीतकालीन में 6 माह के लिए भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट शनिवार शाम 6:45 बजे विधि विधान से बंद कर दिए गए। इसके बाद अगले 6 माह तक भगवान बद्रीनाथ की पूजा पांडुकेश्वर और जोशीमठ में संपन्न होगी। शनिवार को बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही उत्तराखंड में चार धाम यात्रा का समापन भी हो गया। बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने से पूर्व पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश की ओर से मंदिर को चारों ओर से 20 कुंटल गेंदा गुलाब और कमल के फूलों से सजाया गया। बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शाम 4:00 बजे से शुरू कर दी गई थी वहीं इससे पहले सुबह 6:00 बजे भगवान बद्रीनाथ की अभिषेक पूजा की गई इसके बाद सुबह 8:00 बजे बाल भोग लगाया गया उसके उपरांत दोपहर 12:30 बजे भोग लगाया गया शाम 4:00 बजे माता लक्ष्मी को बद्रीनाथ गर्भगृह में स्थापित गया और गर्भ ग्रह से गरुड़ जी उद्धव जी और कुबेर जी को बदरीश पंचायत से बाहर लाया गया सभी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करने के बाद शाम 6:45 बजे बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए गए। बद्रीनाथ धाम में शनिवार को लगभग 3498 श्रद्धालु ने पहुंचकर भगवान बद्री नारायण के दर्शन किए।ं