6 महीने से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नहीं मिला वेतन
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायकाओ को छह माह से नही मिला वेतन, परिवारिक आजीविका चलाने में हो रही भारी दिक्कतें,
डोईवाला ।
प्रदेश भर में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास केंद्र और राज्य सरकार की योजनों और विभागीय कार्यों को कोविड-19 के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायकाओ द्वारा कार्य करने उपरांत लगभग पांच से छ: विभाग से नहीं मिला वेतन, परिवारिक आजीविका चलाने में हो रही भारी दिक्कतें।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास से जुडी आंगनवाड़ी कार्यकत्री सेविका यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शीला बहुगुणा ने काकी कोविड-19 के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं द्वारा घर घर जाकर उनके स्वास्थ्य स्वास्थ्य के प्रति जन जागरूकता किया और लाभार्थियों को कोविड-19 में सामाजिक दूरी बनाये रखने एवं सुरक्षा/बचाव की जानकारी दी गई तथा विभाग के दिशा निदेशानुसार अरोग्य सेतु ऐप घर-घर जाकर डाउनलोड कर जनता को जागरूक किया गया जिसमें कार्यकत्रियों द्वारा पूर्ण लगन एवं निष्ठा के साथ करोना योद्वा की भांति कार्य किया गया। लेकिन विभाग द्वारा इन्हें वेतन देने मेहरूम कर खा कर रखा है और वहीं दूसरी ओर बाल विकास विभाग द्वारा इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं को जनवरी 2020 का विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को आधे माह का वेतन दिया गया था और उसके उपरांत अगस्त 2020 से दिसंबर 2020 तक का वेतन वेतनमान विभाग द्वारा नहीं भेजा गया है जिस कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की परिवार की आजीविका चलाने में असमर्थ हो रही है और विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया है आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को समय पर 10 साल कार्य करने के उपरांत के सीनियरिटी के आधार पर लाभ दिया जाता है जिसमें 5 साल से 10 साल करने वाले कार्यकत्रियों को 7531 रुपए दिए जाते हैं और 10 साल से ऊपर कार्य करने वाली कार्यकत्रियों को 7563 रुपए मिलने चाहिए परन्तु विभाग द्वारा कार्यकत्रियों को 17 साल कार्य करने के उपरांत भी बढोत्तरी वेतनमान का लाभ नही दिया है वही प्रदेश सरकार की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायकाओ के वेतनमान में 1000रु की बढोत्तरी भी हवाई साबित हो रही है, इस अवसर उत्तरांचल आंगनबाडी कर्मचारी संघ की प्रदेश महामंत्री सुशील खत्री ने कहा कि देश वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा पूर्ण भागीदारी निभाई गई है कार्यकत्रियों द्वारा करोना काल में भी बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को पोषण टेक होम राशन वितरण कार्य सुचारू रूप से घर-घर जाकर किया गया है लेकिन सरकार आंगनबाडी कार्यकत्रियों व सहायकाओ का कई जिलों में 5-6 महिनों से मानदेय नहीं दिया गया जिससे पूरे प्रदेश में आंगनबाडी कार्यकत्रियों में काफी रोष व्याप्त है। सभी कार्यत्रियों अपने आप को ठगा से महसूर कर रही हैं उनके सामने अपने परिवार का भरण पोषण करने की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है जिससे कुछ परिवार भूखरमरी की कागार पर खडे हो गये है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार महिला सशक्तिरण के बडे-बडे दावे कर रही है वहीं उत्तराखंड में तैनता आंगनबाडी कार्यकत्रियों एवं सहायिकों का मानदेय नहीं दिया जा रहा है इससे यह साफ होता सरकार महिलाओं के प्रति गंभीर नही है।