हरिद्वार से संतो उठाई मांग, बिना देरी करे ज्ञानवापी मंदिर हिन्दुओं को सौंपे केंद्र और यूपी सरकार
दीपक चौहान
हरिद्वार: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज एवं महामंत्री श्रींमहंत हरिगिरि महाराज ने केन्द्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार से ज्ञानवापी मंदिर को अबिलम्ब हिंदुओं को सौपने की मांग की है। कहा कि न्यायालय की ओर से गठित सर्वे टीम द्वारा हुये सर्वे के बाद यह साबित हो चुका है कि ज्ञानवापी मस्जिद काशी विश्वनाथ का विश्वेश्वरनाथ मन्दिर था, जिसे तत्कालीन आंक्रान्ताओं ने नष्ट करने का पाप किया। कहा कि अब जबकि ज्ञानवापी में शिवमन्दिर होने का प्रमाण मिल चुका है तो इस स्थान को हिन्दुओं का सौंप देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मन्दिर मे महादेव विश्वेश्वरनाथ की पूजा अर्चना होती थी, जिसका वर्णन चीनी यात्री फहयान एवं हून्येसांग ने भी अपनी किताब में किया है। मन्दिर महारानी अहिल्याबाई ने जीर्णोद्वार कराया था। लेकिन दुभार्ग्यवश एक अत्याचारी शासक ने अपनी जिद मैं हिन्दूओं के पौराणिक स्थल को नष्ट करने का प्रयास किया। लेकिन आखिरकार महादेव प्रकट हो ही गये। परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि अखाड़ा परिषद जल्द ही इस मामले मे केन्द्र एवं यूपी सरकार से मिलकर इस स्थान को हिन्दूओं को सौपने की मांग करेगा। अखाड़ा परिषद महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने कहा कि काशी मै ज्ञानवापी मस्जिद है ही नही बल्कि जिसे ज्ञानवापी मस्जिद कहा जा रहा है वह काशी विश्वनाथ का विश्वेश्वरनाथ महादेव मन्दिर है, जिसका महारानी अहिल्यावाई होल्कर ने जीणोद्वार कराया था। कहा कि 405 ईसबी में चीनी यात्री फाहियान तथा 635 ई, मे भारत भ्रमण पर आए हुनसांग ने अपने प्रसिद्व यात्रा वृत्तांतो मे काशी के अविमुक्तेश्वरानंद या विशेश्वर नाथ का जिक्र किया है। इस पौराणिक मंदिर को तोड़ने का मुस्लिम आक्रांताओं द्वारा कई बार प्रयास किया गया। 12 शदी मे मोहम्मद गौरी के सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक ने, 17वी शताब्दी में शाहजहां ने इस मन्दिर को तोड़ने का असफल प्रयास किया था। लेकिन सन 1669 मैं मुस्लिम शासक औरंगजेब ने इस मंदिर को तुड़वा दिया और इसके अवशेष से ज्ञानव्यापी मस्जिद का निर्माण कर दिया। सन 1776, 78 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई ने काशी विश्व नाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया। पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने कई मन स्वर्ण देकर इसके शिखर को स्वर्ण मण्डित कराया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को खत्म नहीं किया जा सकता। इस धर्म को दवाने का प्रयास हो सकता है, लेकिन सनातन धर्म अपने आप मे शाश्वत है, जिसे खत्म नहीं किया जा सकता। उन्होने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि ज्ञानवापी मैं शिवलिंग होने के प्रमाण मिल जाने के बाद अब ज्ञानवापी मन्दिर को हिन्दूओं को सौंप देना चाहिए। साथ ही .घ्केन्द्र एवं राज्य सरकार ज्ञानवापी स्थान पर भव्य मन्दिर का निर्माण किया जाना चाहिए। कहा कि जल्दी ही दोनों सरकार से मिलकर ज्ञानवापी मंदिर को हिंदुओं को सौपने की मांग की जायेगी। कहा कि इस मामले को लेकर देशव्यापी जनजागरण अभियान चलाया जायेगा।