मातृशक्ति व दुर्गा वाहिनी विभाग के शौर्य शिविर का हुआ समापन
मनीषा सूरी / पीयूष सूरी
रुड़की: श्री वासुदेव लाल मैथिली सरस्वती विद्या मंदिर रूड़की में चले विश्व हिन्दू परिषद के मातृशक्ति व दुर्गा वाहिनी विभाग के शौर्य शिबिर में डाॅ. माधवी गोस्वामी, प्रांत वैद्य प्रमुख गोरक्षा विभाग, विहिंप ने वैद्यकीय चिकित्सा सेवा के साथ साथ गौ उत्पाद, पंचगव्य औषधियों की जानकारी से भी शौर्य प्रशिक्षणार्थीयों को अवगत कराया.दिनांक 31 मई से 6 जून तक चले शौर्य शिबिर में लड़की यों व महिला ओं को आत्मरक्षा के प्रात्यक्षिक कराये जाते रहे,धर्म ,संस्कृति परिवार,समाज के उत्थान के पाठ दिये जाते रहे ,प्रशिक्षण कालावधि में स्वास्थ संबंधित परामर्श व चिकित्सा हेतु डॉ माधवी गोस्वामी ने कार्य किया,आवश्यक चिकित्सा के साथ साथ, प्रशिक्षणार्थी बहनों को भारतीय गाय की पहचान तथा उससे प्राप्त पंचगव्य,गोमुत्र,गोमय,गो दुग्ध गोदधि, गोघृत,से बनी अत्यंत लाभदायक औषधीय से अवगत कराया,यहाँ ये बतादे कि गोमुत्र से बनी नारी संजीवनी तरूणी व महिला स्वास्थ्य के लिये बहुत हितकारी है,साथ ही साथ गोमुत्र से बना शैम्पू,साबुन,फेस पैक से त्वचा व बालों की समस्या का अद्भुत उपाय है, बहुत सी महिला ये इसे हमेशा की दिनचर्या में अपना रही है पायरिया,मुख दुर्गंध में गोमय मंजन लाभदायक है, मोटापा घटाने के लिये कामधेनु मेदोहर अर्क अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआँ है. इसतरह नारी को संस्कार,स्वास्थ्य,सुरक्षा के कारगर शिक्षा शौर्य प्रशिक्षण शिविर में मिली है,विहिप की प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं गोरक्षा संरक्षक संध्या कौशिक,मातृशक्ति की प्रांत प्रमुख निताजी कपूर,दुर्गा वाहिनी की प्रांत प्रमुख नीलम शौर्य प्रशिक्षण शिक्षिका प्रमुख कमलेश तथा शिबिर में उपस्थित सभी माता,बहनों ने शिबिर में सराहनीय कार्य किया दुर्गा स्वरूपा, माता बहने स्वयं सशक्त है, समाज का मार्गदर्शन करके समाज का नवनिर्माण करने मे सक्षम है,यह संदेश दिया है प्रांत वैद्य प्रमुख डॉ माधवी गोस्वामी ने स्वास्थ्य चिकित्सा परामर्श के अलावा गौ उत्पाद से आत्मनिर्भर बनने के उपाय बताये. गौमाता एक मल्टी डायमेंशनल इंडस्ट्री है,उसके लाभकारी उपयोगी ता के चलते उसे भारतीय सनातन संस्कृति ने पुज्यनीय माता का सन्मान दिया है,गाय बचेगी तो मानव जटिल व्याधियों से बचेगा, आयुर्वेद के अनुसार पंचगव्य चिकित्सा जटिल व्याधियों में भी अत्यंत हितकारी है,।