दर्जनों खेलो के जरिए अशोका इंटरनेशनल एकेडमी में संपन्न हुआ दो दिवसीय वार्षिक खेल प्रतियोगिता कार्यक्रम
पीयूष चौहान
हरिद्वार: अशोका इंटरनेशनल एकेडमी अम्बूवाला में दो दिवसीय वार्षिक खेल प्रतियोगिता का समापन शनिवार को हुआ। यह खेलकूद प्रतियोगिता शुक्रवार एवं शनिवार 2 दिन तक चली जिसमें एकेडमी के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता में कई खेलों के माध्यम से छात्र-छात्राओं ने अपने हुनर को दिखाया। इस खेलकूद प्रतियोगिता में फ्रॉग रेस, पासिंग द बॉल अंडर द लेग्स, लॉन्ग जंप, रस्सा कसी, कब्बड़ी, लोड बियरिंग रेस, वन लैग रेस, पिक द कोन, 50मीटर – 100मीटर रेस, बैडमिंटन, फिलिंग द बोटल, म्यूजिकल चेयर,पिक द बॉल एंड थ्रो द बॉल, बैलून रेस आदि खेलो का आयोजन किया गया। जिसमे अलग अलग वर्ग के छात्र छात्राओं ने प्रथम एवं द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार अपने नाम किए।
वहीं दूसरी और वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता के समापन पर पहुंचे एकेडमी के प्रबंधक पीयूष चौहान (राष्ट्रीय स्तर खिलाड़ी) ने भी भिन्न भिन्न खेलो में अपनी प्रतिभा को दिखाकर जीत हासिल करने वाले खिलाड़ियों को बधाई दी साथ ही उनके उज्वल भविष्य की कामना भी की। उन्होंने कहा कि खेल केवल शारीरिक दक्षता से नहीं कल की मानसिक रूप से दृढ़ता के साथ खेला जाना चाहिए। किसी भी खेल को खेलने के लिए शरीर के साथ-साथ मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना अनिवार्य होता है। साथ ही उन्होंने एकेडमी के छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप आने वाले कल का भविष्य है। आप सभी पढ़ाई के साथ-साथ खेल की और भी अपना भविष्य बना सकते हैं केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा खेलो इंडिया के अंतर्गत कई खेलो को राज्य एवं केंद्र सरकार के तहत प्रोत्साहन देते हुए खिलाड़ियों के उज्जवल भविष्य के लिए तैयार किया है। साथ ही उन्होंने उन खिलाड़ियों को भी अच्छा संदेश दिया जिन्होंने इस प्रतियोगिता में जीत दर्ज नहीं की। उन्होंने कहा कि इस बार जीत नहीं प्राप्त की है तो अगली बार इससे अधिक प्रयास और अच्छे ढंग से खेल कर आप जीत हासिल कर सकते हैं। वही एकेडमी के चेयरमैन मनीष चौहान ने सभी विजेताओं को शुभकामना देते हुए कहा खेल को जीतना ही नहीं बल्कि जीतने की चाह रखना ही सब कुछ है। कभी भी हार को दिल पर मत ले, हार से सीख ले क्योंकि कभी-कभी एक अच्छा खिलाड़ी भी “शून्य” पर आउट हो जाता हैं। इस प्रतियोगिता में स्कूल के अध्यापक एवं अध्यापिकाओं में हिमाद्रि चौहान,निकिता सैनी, मंजू बमोला, प्रिया सैनी, अनिशा रमोला, रजत चौहान, सुनैना नौटियाल, तनु चौहान, किरन, अनिता बहुगुणा के साथ अन्य सभी स्टाफ एवं कर्मचारियों का पूर्ण सहयोग रहा।