बिना संदेह श्रवण करनी चाहिए श्री राम कथा : पं.माधव शास्त्री
पंकज राज चौहान
हरिद्वार। शिव मंदिर समिति सेक्टर वन मंदिर समिति द्वारा आयोजित श्री राम कथा के दूसरे दिन कथा व्यास पंडित माधव शरण शास्त्री ने भक्तों को माता सती प्रसंग एवं भगवान शंकर-पार्वती माता के विवाह की कथा सुनाई।
कथा व्यास ने कहा कि स्वयं पार्वती माता भी भगवान शंकर से श्री राम कथा सुनती हैं। सुनते सुनते माता की तृप्ति नहीं होती अपितु भगवान के प्रति विश्वास गहरा होता जाता है। हमारे अंदर भी ऐसा ही एहसास होना चाहिए। शंकर जी कहते हैं,हे पार्वती आप पूर्वजन्म में सती के रूप में मेरी पत्नी थी। एक बार जब मैं भ्रमण के लिए जा रहा था तब उस समय भगवान श्री राम लक्ष्मण के साथ सीता की खोज के लिए विलाप कर रहे थे तथा वनों में भटक रहे थे। तब हे पार्वती मैं सती के साथ अपने इष्टदेव को प्रणाम करने के लिए उनके सामने गया लेकिन उनके पास इसलिए नहीं गया कि मेरे प्रभु को कष्ट होगा। अत: दूर से ही प्रणाम किया तथा सती को सारी बातें बताई लेकिन सारी बातें सुनकर सती कुछ बोली तो नहीं लेकिन मन ही मन में संदेह करने लगी। हम हिमालय पर गए तब कुछ दिवस बाद सती बोली कि मैं आपके भगवान श्रीराम से मिलना चाहती हूं।
ये कैसे आपके इष्टदेव हैं जो पत्नी के वियोग में भटक रहे हैं। मेरे मना करने पर भी जब नहीं मानी तब मैने कहा कि जाकर प्रणाम करके लौट आना,परीक्षा मत लेना लेकिन उनके मन में कुछ और ही चल रहा था। जब सती श्री राम के पास पहुंची तब भगवान श्रीराम ने सती को पहचान लिया और कहा कि माता जंगल में अकेले कैसे घूम रही हो? भगवान शंकर कहां हैं? तब सती जी को बड़ा ही दुःख हुआ कि मैने भगवान पर संदेह किया। इसी कारण सती का मुझसे वियोग हुआ।
शंकर-पार्वती विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि शंकर जी शमशान की राख से सिंगार करते हैं क्योंकि यह सिंगार ऐसा है जो हमेशा सत्य व अमृत के समान रहता है लेकिन सांसारिक द्रव्य एक दिन बाद ही मिट जाता है। अतः कथा कहती है कि संसार में आकर व्यक्ति अच्छा आचरण कर परलोक में प्रसिद्धि प्राप्त कर सकता है। भगवान शंकर और पार्वती के विवाह का उत्सव बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया गया है। आज की कथा संदेश देती है कि श्री राम कथा में कोई भी संदेह नहीं करना चाहिए। कथा को विश्वास के साथ श्रवण करें,भगवान की प्राप्ति अवश्य ही होगी।
कथा के मुख्य यजमान तेज प्रकाश, रेनू,बृजेश शर्मा,आदित्य गहलोत, राकेश मालवीय,जयप्रकाश,होशियार,विष्णु,अनिल चौहान,दिलीप गुप्ता,अलका,भावना ,पुष्पा,राज किशोरी मिश्रा, मानदाता, रामकुमार महेश,अनपूर्णा,अंजू,संतोष,दीपिका, सलोनी,ऋषि, सरला आदि लोग उपस्थित रहे।