पंचगव्य का महत्व एवं लाभ - क्या है पंचगव्य,धार्मिक अनुष्ठान में गाय से जुड़ी इन पांच चीजों का होता है विशेष महत्व
पंचगव्य का महत्व एवं लाभ - क्या है पंचगव्य,धार्मिक अनुष्ठान में गाय से जुड़ी इन पांच चीजों का होता है विशेष महत्व
सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल।हिंदू धर्म में गाय को माता माना गया है. गाय के साथ गाय से जुड़ी 5 चीजों का विशेष धार्मिक महत्व होता है. हिंदू धर्म में कोई भी मांगलिक कार्य, पूजा-पाठ, अनुष्ठान और उत्सव पंचगव्य के बिना पूरे नहीं होते.गाय के दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर का पानी के सामूहिक रूप को पंचगव्य कहा जाता है,आयुर्वेद में इसे औषधि की मान्यता है.पंचगव्य के बिना कोई भी शुभ-मांगलिक कार्य पूरे नहीं होते. गांव-कस्बों से लेकर शहरों तक किसी भी धार्मिक उत्सव, मांगलिक कार्य, पूजा-पाठ, अनुष्ठान में पंचगव्य के प्रयोग को प्रधानता दी जाती है. गृह शुद्धि से लेकर शरीर शुद्धि तक पंचगव्य का प्रयोग किया जाता है.
आज आपको/ज्योतिषाचार्य अजय कृष्ण कोठारी/ पंचगव्य के लाभ एवं महत्व के बारे में बता रहे हैं.
गोमूत्रं गोमय क्षीरं दधि सर्पि कुशोदकम्.!
पंचचगव्य मिदम् प्रोक्तम्महापातक नाशनम्.!!
पंचगव्य का निर्माण गाय के दूध, दही, घी, मूत्र, गोबर के द्वारा किया जाता है,पंचगव्य द्वारा शरीर के रोगनिरोधक क्षमता को बढ़ाकर रोगों को दूर किया जाता है,गोमूत्र में प्रति ऑक्सीकरण की क्षमता के कारण डीएनए को नष्ट होने से बचाया जा सकता है,गाय के गोबर का चर्म रोगों में उपचारीय महत्व सर्वविदित है.
सभी धार्मिक अनुष्ठानों में होता है पंचगव्य का उपयोग
हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना जाता है और उसकी पूजा की जाती है. गाय को माता का दर्जा दिया गया है, लेकिन सिर्फ गाय ही नहीं, बल्कि गाय से जुड़ी पांच चीजों का भी हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है. गाय से मुख्य रूप से प्राप्त होने वाली पांच चीजों को धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ, शुभ-मांगलिक कार्यों के लिए जरूरी माना जाता है. गाय से जुड़ी इन्हीं पांच चीजों को पंचगव्य कहा जाता है, जिसमें गाय का दूध, दही, घी-मक्खन, गोमूत्र और गोबर शामिल हैं।
हिंदू धर्म में पंचगव्य के बिना कोई भी शुभ-मांगलिक कार्य पूरे नहीं होते. गांव-कस्बों से लेकर शहरों तक किसी भी धार्मिक उत्सव, मांगलिक कार्य, पूजा-पाठ, अनुष्ठान में पंचगव्य के प्रयोग को प्रधानता दी जाती है. गृह शुद्धि से लेकर शरीर शुद्धि तक पंचगव्य का प्रयोग किया जाता है. जानते हैं पंचगव्य के इन पांच चीजों का महत्व।
गाय का दूध- गाय के दूध को पवित्र माना गया है. पूजा-पाठ में पंचामृत बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही गाय के दूध से शिवलिंग पर अभिषेक करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. गाय के दूध से बनी खीर और मिठाइयों से भगवान को भोग लगाए जाते हैं.
दही– दूध से बनी दही का भी धार्मिक महत्व होता है. दूध की तरह दही से भी शिवलिंग पर अभिषेक करने विशेष फल की प्राप्ति होती है।
घी और माखन- गाय के घी से पूजा में दीप जलाएं जाते हैं. यज्ञ और हवन किए जाते हैं. भगवान श्रीकृष्ण को माखन अति प्रिय होता है. श्रीकृष्ण को माखन का भोग लगाया जाता है।
गोबर- धार्मिक अनुष्ठान में गोबर को काफी पवित्र माना गया है. पूजा स्थान को गोबर से लीपा जाता है. इसके साथ ही गोबर से गणेश की मूर्ति बनाकर पूजा करने का विधान है. कई पूजा-पाठ गोबर के बिना अधूरे होते हैं।
गोमूत्र- गंगाजल के समान ही गोमूत्र के छिड़काव से शुद्धिकरण होता है. घर पर गोमूत्र का छिड़काव करना लाभकारी माना जाता है. इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
पंचगव्य का औषधीय महत्व - पंचगव्य का धार्मिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व होता है और साथ ही इसे आयुर्वेद में भी महत्वपूर्ण माना गया है. गाय से जुड़े इन पांच चीजों का प्रयोग कई तरह की औषधियों के रूप में भी किया जाता है. पंचगव्य द्वारा शरीर के कई रोगों का उपचार किया जाता है और यह रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी महत्वपूर्ण होता है।
शुभ मंगलमय हो भगवान गणेश जी की कृपा बनी रहें।
आचार्य अजय कृष्ण कोठारी श्रीमद्भागवत कथा वक्ता ज्योर्तिविद/ग्राम कोठियाडा़,पो.ओ-बरसीर, रुद्रप्रयाग {श्री कोटेश्वर शक्ति वैदिक भागवत पीठ एवं ज्योतिष संस्थान्}उत्तराखंड