पूजा पाठ धार्मिक कार्यों में कलश पर आम एवं पीपल के पत्तों का महत्व
पूजा पाठ धार्मिक कार्यों में कलश पर आम एवं पीपल के पत्तों का महत्व
सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल ।आज आपको पूजा पाठ धार्मिक कार्यों में आम पीपल के पत्तों के महत्व के बारे में बताते हैं आम के पत्ते पूजा में शुभ क्यों माने गए हैं,हिन्दू धर्म में पीपल, आम, बड़, गूलर एवं पाकड़ के पत्तों को ही शुभ और पवित्र 'पञ्चपल्लव' कहा जाता है,किसी भी शुभ कार्य में इन पत्तों को कलश में स्थापित किया जाता है या पूजा व अन्य मांगलित कार्यों में इनका अन्य तरीकों से उपयोग होता है,आम के पत्तों को भी शुभ माना गया है. पीपल के पेड़ को देव वृक्ष भी कहा जाता है आज आपको/ज्योतिषाचार्य अजय कृष्ण कोठारी/ आम एवं पीपल के पत्तों का महत्व एवं लाभ के बारे में बता रहे हैं.माना जाता है मुख्य द्वार पर आम के पत्तों को लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है साथ ही घर में आने वाली वायु भी पवित्र हो जाती है,ऐसी वायु घर में सुख और समृद्धि लाती है , इसीलिए कोई भी मंगलकार्य हो उनमे आम पीपल के पत्ते का प्रयोग सर्वप्रथम किया जाता है.धार्मिक मान्यता के अनुसार जहां भी पूजा-पाठ में आम एवं पीपल के पत्ते का उपयोग किया जाता है. वहां हनुमान जी की विशेष कृपा होती है. उस जगह पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता. कहा जाता है बुरी शक्तियां शुभ कार्य में बाधा नहीं डाल सकती.
घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों का तोरण लगाने से कोई भी नकारात्मक ऊर्जा अंदर प्रवेश नहीं कर सकती, घर में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति के साथ सकारात्मक ऊर्जा ही घर में जाती है,आम के पत्तों का इस्तेमाल कलश में रखने के लिए भी किया जाता है और पूजा विधि में जल को समर्पित करने के लिए आम के पत्तों को ही रखा जाता है.
क्या है शुभ - ज्योतिष में आम के पेड़ को मंगल का कारक बताया गया है,यह मेष राशि का पेड़ माना जाता है,इसलिए इसके पत्तों को मांगलिक कार्य में उपयोग करने को शुभ माना गया है,इसके बगैर पूजा पाठ संपन्न नहीं होती है.
आम के पत्तों के 10 उपयोग
1. घर के मुख्य द्वार पर आम की पत्तियां लटकाने से घर में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति के प्रवेश करने के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा घर में आती है.
2. आप के पत्तों का उपयोग जल कलश में भी होता है। कलश के जल में आम के पत्ते रखकर उसके उपर नारियल रखा जाता है.
3. यज्ञ की वेदी को सजाने में भी आम के पत्ते का उपयोग होता है.
4. मंडप को सजाने के लिए भी आम के पत्तों का उपयोग होता है.
5. घर के पूजा स्थल या मंदिरों को सजाने में भी आम के पत्तों का उपयोग होता है.
6. तोरण, बांस के खंभे आदि में भी आम की पत्तियां लगाने की परंपरा है.
7. दीवारों पर आम के पत्तों की लड़ लगाकर मांगलिक उत्सव के माहौल को धार्मिक और वातावरण को शुद्ध किया जाता है.
8. आप के पत्ते से ही आरती या हवन के बाद जल छिड़का जाता है.
9. आम के पत्तों की पत्तल और दोने बनाकर उस पर भोजन भी किया जाता है.
10. वैज्ञानिक दृष्टि के अनुसार आम के पत्तों में डायबिटीज को दूर करने की क्षमता है,कैंसर और पाचन से संबंधित रोग में भी आम का पत्ता गुणकारी होता है, आम के रस से कई प्रकार के रोग दूर होते हैं.
आम के पेड़ का महत्व : आम का फल बहुत ही अच्छा और सरभरा माना जाता है,इसे फलों का राजा कहा गया है। मांगलिक कार्यो में पंचफल का उपयोग किया जाता है जिसमें एक आम का फल भी होता है। इसके फल की हजारों किस्में हैं जिसे हर कोई खाना चाहेगा। इसके पत्ते और लकड़ियां भी उतती ही महत्वपूर्ण है। आम के पेड़ की लकड़ियों का उपयोग समिधा के रूप में वैदिक काल से ही किया जा रहा है। माना जाता है कि आम की लकड़ी, घी, हवन सामग्री आदि के हवन में प्रयोग से वातावरण में सकारात्मकता बढ़ती है.
हिंदू धर्म में पीपल का विशेष महत्व है,पीपल को वृक्षों का राजा कहते हैं,हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का बहुत महत्व माना गया है,शास्त्रों के अनुसार इस वृक्ष में सभी देवी देवताओं और हमारे पितरों का वास भी माना गया है। पीपल वस्तुत: भगवान विष्णु का जीवन्त और पूर्णत: मूर्तिमान स्वरूप ही है,भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहा है कि वृक्षों में, मैं पीपल हूं, यह पुराणों में भी उल्लेखित है। अर्थात इसके मूल में भगवान ब्रह्म मध्य में भगवान श्री विष्णु तथा अग्र भाग में भगवान शिव का वास होता है, शास्त्रों के अनुसार पीपल की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करने से समस्त देवता की स्वयं ही पूजा हो जाती है.
कहते है पीपल से बड़ा मित्र कोई भी नहीं है,जब आपके सभी रास्ते बंद हो जाए हर तरफ से अपने को परेशानियों से घिरा हुआ समझें,आपकी परछाईं भी आपका साथ ना दे। हर काम बिगड़ रहे हो तो आप पीपल के शरण में चले जाएं,उनकी पूजा अर्चना कर उनसे मदद की याचना करें। निसंदेह कुछ ही समय में कष्ट दूर हो जायेंगें.
मान्यता है कि पीपल के पेड़ में त्रिदेव यानी जड़ में ब्रह्मा, तने में विष्णु और ऊपर के भाग में भगवान शिव का वास होता है, हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ की पूजा करना काफी शुभ माना गया है,पीपल के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है.पीपल को सभी वृक्ष से शुद्ध और पूजनीय माना गया है, इसे विश्व वृक्ष, चैत्य वृक्ष और वासुदेव भी कहा जाता है, हिंदु दर्शन में लिखा गया है कि पीपल के पत्ते पत्ते में देवताओं खास कर विष्णु भगवान का वास होता है.पीपल के नीचे बैठकर पीपल के 11 पत्ते तोड़ें और उन पर चन्दन से भगवान श्रीराम का नाम लिखें,इन पत्तों की माला बनाकर हनुमान जी को अर्पित करें। संकट दूर होंगे.!!शुभ मंगलमय हो मां भगवती राजराजेश्वरी की कृपा बनी रहें।आचार्य अजय कृष्ण कोठारी श्रीमद्भागवत कथा वक्ता ज्योर्तिविद/ग्राम कोठियाडा़,पो.ओ-बरसीर, रुद्रप्रयाग {श्री कोटेश्वर शक्ति वैदिक भागवत पीठ एवं ज्योतिष संस्थान्}उत्तराखंड