अखिलेश चन्द्र चमोला विराट व्यक्तित्व के धनी
अखिलेश चन्द्र चमोला विराट व्यक्तित्व के धनी
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गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर /गढवाल। हमारे उत्तराखण्ड की धरा पर समय-समय पर दिव्य महाबिभूतियों का अवतरण होता रहा है। जिन्होंने अपने कृतित्व और ब्यक्तित्व से समूचे जन समाज का मार्गदर्शन करके नया कीर्तिमान स्थापित किया है।इस श्रृंखला में राजकीय इन्टर काॅलेज सुमाडी विकास खंड खिर्सू जनपद पौड़ी गढ़वाल में हिन्दी अध्यापक के पद पर कार्यरत अखिलेश चन्द्र चमोला इस परम्परा का निर्वहन कर रहे हैं।बताते चलें कि इस दिव्य महाबिभूति का अवतरण 1 जुलाई 1972 को उत्तराखण्ड के जनपद रुद्रप्रयाग के ग्राम कौशलपुर में श्री श्रीधर चातक प्रधानाध्यापक तथा श्रीमती राजेश्वरी चमोला प्रधानाध्यापिका के द्वितीय पुत्र के रूप में हुआ। बचपन से ही इनकी गिनती मेधावी छात्रों में होती रही। गांव के प्राथमिक विद्यालय से पांचवी परीक्षा सर्वोच्च अंकों में करने के उपरांत 12वीॅ परीक्षा राजकीय इन्टर काॅलेज बसुकेदार से उत्तीर्ण की।कला स्नातक की परीक्षा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त मुनी से उत्तीर्ण की।दर्शन शास्त्र तथा परा मनोविज्ञान में रुचि होने के कारण कला निष्णात दर्शन शास्त्र में केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढवाल में प्रवेश लेकर दर्शन शास्त्र बिभाग के प्रोफेसरों के सबसे प्रिय छात्रों की सूची में आलोकित होकर दर्शन शास्त्र में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर विश्वविद्यालय द्वारा स्वर्ण पदक से सम्मानित हुए।
अपने अध्यापित विषय का बेहतर परीक्षा परिणाम देने के साथ ही,निर्धन छात्र छात्रा ओं की मदद करना,बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ, दुल्हन ही दहेज है,बलि प्रथा का बिरोध,वृक्षारोपण, हमारा संकल्प नशा मुक्त खुशहाल उत्तराखण्ड आदि समाजोपयोगी मुहिम भी इनके जीवन की हिस्सा बनती रही। ये अपने जीवन की महत्वपूर्ण आधार शिला भावी पीड़ी को मानते हैं।इनका कहना है कि भावी पीड़ी हर असम्भव कार्य को सम्भव कर सकती है।हम सभी का समग्र प्रयास होना चाहिए कि हम उनके सम्मुख अपने आदर्श प्रस्तुत करें।उनमें भारतीय संस्कृति के बीज रोपित करने का प्रयास करें।भावी पीडी का मार्गदर्शन करने के लिए भी ये समय समय पर साहित्य सृजन का कार्य करते रहते हैं।नैतिक बोध कथायें, शैक्षिक नवाचार क्रियात्मक शोध, भारतीय सॅस्कृति तथा नैतिक ऊर्जा के आयाम।आदि इनकी अनमोल कृतियां हैं,जो राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय हो चुकी हैं।अनेक पत्र पत्रिका में सम्पादक की भूमिका का भी निर्वहन कर चुके हैं।नगर पालिका परिषद श्रीनगर गढवाल द्वारा प्रकाशित बैकुण्ठ चतुर्दशी विकास प्रर्दशनी स्मारिका का भी सम्पादन कर चुके हैं।बेहतर और उत्कृष्ट सम्पादन करने पर नगर पालिका परिषद श्रीनगर गढवाल द्वारा इन्हें जिलाधिकारी रजत प्लेट से
भी सम्मानित किया गया।इनकी अनुकरणीय पहल का संज्ञान लेते हुए शिक्षा बिभाग जनपद पौडी गढ़वाल ने इन्हें नशा उन्मूलन प्रभारी का दायित्व भी दिया गया है।जिसमें सप्ताह में एक दिन इनके द्वारा लिखित प्रतिज्ञा का सस्वर वाचन किया जाता है।क्ई हजार युवा ओं के नशा छुडाने की प्रतिज्ञा दिलवा चुके हैं।शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर राज्य के उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित होने के साथ, क्ई राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों से बिभूषित होने के साथ-साथ अन्तरराष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं।अपने अतुलनीय कार्यों से किसी परिचय के मोहताज नही हैं।24वर्षो से निरन्तर बाल प्रतिभा सम्मान समारोह परिषद के संस्थापक तथा निदेशक के तत्वावधान में ग्रामीण आन्चलिक में अध्ययन रत छात्र छात्रों को सम्मानित करने का कार्य भी करते रहें हैं।अपने उत्कृष्ट कार्यों पर 100 से भी अधिक राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय सम्मानोपाधियों से सम्मानित हो चुके हैं।वर्तमान समय में सामान्य ज्ञान के बिभिन्न पोर्टलों ने भी इन्हें अपने पोर्टल
में स्थान दिया है । इस तरह का स्थान मिलना भी अपने आप में महत्वपूर्ण उपलब्धि को दर्शाता है।इसमें किसी तरह का सन्देह नही है कि आने वाले समय में इस तरह के अतुलनीय ब्यक्तित्व पर अनुसंधान का कार्य भी किया जायेगा।