श्री पीठ हरिद्वार कांगड़ी में मनाया गया बसंत उत्सव
श्री पीठ हरिद्वार कांगड़ी में मनाया गया बसंत उत्सव
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शिव प्रकाश शिव
हरिद्वार ।श्री पीठ हरिद्वार कांगड़ी श्यामपुर श्री पीठ कांगड़ी में श्री बसंत उत्सव पर दिव्या भंडारे का आयोजन हुआ इस अवसर पर विश्व शक्ति आत्म योग श्री पीठ के पीठाधीश्वर कमलेशा नंद सकता चार्य जी महाराज ने सैकड़ों महंत महामंडलेश्वर के बीच अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए कहा महात्रिपुरा सुंदरी की साधना तीन भेद कहे गए हैं नंबर वन स्थुल नंबर दो सूक्ष्म नंबर तीन कारण इन्हीं को हम बहि यारग का जो स्थूल रूप है श्रीयंत्र विभिन्न पूजा सामग्री से 9 "पूजा आदि अंतर योग सूक्ष्म रुप से श्री विद्या के महामंत्र अर्थअनुसंधान पूर्वक शरीर के पषटचक्र का ध्यान करते हुए जो सत ईश्वर में ध्यान रखता है वह जन्म मरण के बंधन से मुक्त होकर उस महान शक्ति के श्री चरणों में विलीन हो जाता है इस अवसर पर विशाल संत समागम तथा भंडारे के अवसर पर सैकड़ों महंत विधिवत संत गण तथा भक्तगण उपस्थित थे इस अवसर पर बोलते हुए श्री महंत रघुवीर दास जी महाराज ने कहा भगवान राम भक्त रैदास एक ही है वह अलग नहीं है सिर्फ हमारी देखने का नजरिया है कि हम उन्हें किस स्वरूप में देख रहे हैं वह इस संसार के कण-कण में विद्यमान है मनुष्य आंखों से ईश्वर को नहीं पहचान पा रहा है ईश्वर को पहचानने के लिए तपो दृष्टि चाहिए राम इस संसार के कल्याण के लिए एक ऐसा शब्द है जो उल्टा भजने पर भी अपने भक्तों को भवसागर पार करा देते इस अवसर पर बोलते हुए वरिष्ठ कोतवाल श्री कालीचरण जी महाराज ने कहा अगर आप अपना कल्याण चाहते हो तो सुबह शाम 5 मिनट के लिए हरी भजन करो आपका कुल का कुल भवसागर पार हो जाएगा वह परम शक्ति भगवान श्री हरि जो हम लोगों के बीच अप्रत्यक्ष रूप से विद्यमान हैं सभी का कल्याण करते हैं सभी भक्तों का एक सामान ध्यान रख दे इस अवसर पर हरिद्वार के कई आश्रमों मठ मंदिर अखाड़ों के संत महंत महामंडलेश्वर विधिवत संत गण उपस्थित थे।