गांव के दूसरे दरोगा बनकर परिवार सहित गांव का नाम किया रोशन
पीयूष चौहान
हरिद्वार: हरिद्वार ग्रामीण के पथरी थाना क्षेत्र के अम्बूवाला निवासी सत्यपाल सिंह चौहान के पुत्र अतुल चौहान ने दरोगा बनकर गांव का नाम रोशन किया है। अतुल चौहान अपने गांव के दूसरे और सामान्य जाती से पहले दरोगा बने है। आइए जानते है उनकी जीवन शैली के बारे में।
प्रारंभिक जीवन: अतुल चौहान का जन्म 22 मार्च 1986 को अम्बूवाला के सामान्य किसान परिवार में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल में पूर्ण हुई। इसके पश्चात पुलिस में भर्ती होने की तैयारी करने लगे। बारिश हो या भरी गर्मी अतुल चौहान अपनी तैयारी को लेकर लगातार मेहनत करते रहें और आखिरकार वर्ष 2006 में पंजाब बैच में उनको सफलता प्राप्त हुई और वह उत्तराखण्ड पुलिस में कांस्टेबल के पद पर नियुक्त हुए। पुलिस में नियुक्ति के साथ साथ उनके द्वारा अपनी स्नातक की पढ़ाई सम्राट पृथ्वीराज चौहान डिग्री कॉलेज से पूरी की गई।
नियुक्ति: वर्ष 2006 में उत्तराखंड पुलिस का हिस्सा बनने के पश्चात उनकी पहली नियुक्ति चमोली जिले में हुई जहां पर मौसम की विपरीत परिस्थितियों में उनके द्वारा अपनी सेवा के प्रथम पड़ाव को पार किया गया इसके पश्चात उनका तबादला देहरादून जिले में हुआ जहां पर उनके द्वारा कुशलतापूर्वक अपनी जिम्मेदारियों का वहन किया गया। जिसके फलस्वरूप उनको जीआरपी उत्तराखण्ड में नियुक्ति मिली साथ ही उनके कंधे पर दो सितारे लगाकर जिम्मेदारियों को बढ़ा दिया।
उनके दरोगा बनने की खबर से पूरे गांव में खुशी की लहर है तो वहीं परिवार भी अत्यंत खुश नजर आ रहा है। ग्राम वासियों का कहना है कि वह लगातार सफलता की ओर कदम बढ़ाने के लिए प्रयास करते रहे हैं जिसके फल स्वरुप आज उन्हें दो सितारों के रूप में एक बड़ी सफलता प्राप्त हुई। साथी परिवार के सदस्यों सहित सभी ग्राम वासियों ने उनके इस प्रमोशन पर उत्तराखंड सरकार के साथ-साथ पुलिस प्रशासन का भी आभार व्यक्त किया।