संस्कृत शिक्षा निदेशालय एवं संस्कृत शिक्षा परिषद के पास हो अपना निजी भूमि भवन
सचिन शर्मा
हरिद्वार। 21 मई 2023 को संस्कृत विद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ कुलदीप चंद्र पंत के अध्यक्षता में एक बैठक संपन्न की गई जिसमें संस्कृत शिक्षा की समस्याओं पर मंथन किया गया। प्रबंधकीय शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री डॉ नवीन चंद्र पंत ने कहा कि संस्कृत शिक्षा के पास अपना भूमि और भवन न होना चिंतनीय एवम् दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेश सरकार द्वितीय राजभाषा के संवर्धन और संरक्षण की निरंतर बात करती है किंतु धरातल पर हमेशा शून्य पाया जाता है। बेनी प्रसाद ने कहा कि जब तक संस्कृत शिक्षा के पास अपना भूमि और भवन सुनिश्चित नहीं हो जाता तब तक उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के भवन से संचालित होने वाले सभी प्रतिष्ठान हरिद्वार से ही संचालित होने चाहिए यही संस्कृत के हित में रहेगा। डॉ शिवानी विद्यालंकार ने कहा कि 3 माह से संस्कृत शिक्षकों को वेतन प्राप्त नहीं हो पा रहा है और शासन इसके प्रति अभी तक गंभीर नहीं है अतः शीघ्र वेतन भुगतान किया जाना चाहिए। हेमंत तिवारी ने कहा कि संस्कृत शिक्षा के प्रतिष्ठान अपने अस्मिता की लड़ाई लड़ रहे हैं और कई लोगों की उनके ऊपर की कुदृष्टि है।अतः सरकार को हस्तक्षेप करके संस्कृत के प्रतिष्ठानों को संरक्षित करने पर जोर देना चाहिए। बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ कुलदीप पंत ने कहा कि संस्कृत शिक्षा निदेशालय एवं परिषद के भूमि भवन हेतु शीघ्र ही शिक्षा मंत्री एवं संस्कृत शिक्षा सचिव के साथ ही निदेशक संस्कृत शिक्षा से मिलकर तत्काल समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।बैठक में सभी वक्ताओं ने संस्कृत शिक्षा के उन्नयन हेतु अपने अपने विचार रखे।
इस अवसर पर डॉ बलदेव चमोली, डॉक्टर नारायण पंडित, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद गोनियाल, भास्कर शर्मा,दिवाकर गॉड, चूड़ामणि परगाईं आदि उपस्थित रहे।