अखंड बाल विदुषी आश्रम में धूमधाम से मनाया गया विदुषी श्रद्धा योगी का निर्वाण दिवस
शिव प्रकाश शिव
हरिद्वार। 2 जून 2023 को भूपतवाला स्थित भागीरथी नगर में अखंड बाल विदुषी आश्रम मे ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर संत विदुषी श्रद्धा योगी महाराज, का बारहवा निर्वाण दिवस बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मनाया गया इस अवसर पर बोलते हुए महामंडलेश्वर परम पूज्य स्वामी रमायोगी महाराज ,ने कहा ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर श्रद्धा योगी महाराज, बड़े ही ज्ञानमूर्ति संत थी उनके ज्ञान का प्रताप आज भी भक्त जनों के बीच विद्यमान है इस अवसर पर बोलते हुए जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर प्रबोधानंद महाराज ,ने कहां संत् श्रद्धायोगी महाराज उच्च स्तर की भागवताचार्य थी भागवत पर उनकी पकड आज भी कम ही लोगो मे देखने को मिलती है! जितनी उन्होंने कम उम्र मे प्राप्त कर ली थी! ! उन्होंने भक्तजनों को सत्य का मार्ग दिखाया व अपना जीवन दूसरों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया! इस अवसर पर स्वामी देवानंद सरस्वती ने कहा कि शुरवाती दिनो में श्रदा योगी ने उनसे वेंदो की शिक्षा ग्रहण की थी! उनकी ज्ञानार्जन की छमता अदुतिय थी! किसी भी व्याकरण को एक बार में ही कंठस्थ कर लेती थी! इस अवसर पर बोलते हुए इस अवसर पर सोहम् समृद्ध के आचार्य स्वामी प्रेमानंद सरस्वती ने कहा संत विश्व भर में सनातन धर्म की परंपरा को फैलाकर सनातन धर्म का विश्व भर में प्रचार कर उसे और अधिक प्रखर तथा मजबूत करते हैं ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर संत श्रद्धा योगी एक पावन त्यागमूर्ति संत थी! उन्होंने अनेकों जगत कल्याणकारी कार्य किए अपने तपोबल से भक्तों को सत्य का मार्ग दिखाया अवसर पर बोलते हुए रवि देव शात्री मंच संचालन करते हुए कहा संत का जीवन समाज को समर्पित होता है संत के किए गए प्रत्येक कार्य में भक्तों का हित नहीं होता है संत एक कर्म योगी होता है कर्म योगी कर्म के आधीन होकर भक्तों को अपने तपोबल से कल्याण की ओर ले जाते हैं।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर डॉ चंद्र भूषण शुक्ला साध्वी पूर्णानं म स्वामी महादेवा नंद स्वामी अखंडानंद महाराज महंत प्रमोद शास्त्री महंत ओमानंद महंत कमलेशानंद अमृता भारती स्वामी केशवानंद स्वामी निर्भयानंद महंत विद्यानंद महाराज महंत सत्यवत्रानंद शास्त्री , महंत विवेकानंद म शांति प्रकाश महामंडलेश्वर सुधा योगी, संत रमा देवी, संत भक्ति देवी श्याम गिरी, कोतवाल धर्म दास महाराज रामदास , कोतवाल कालीचरण , सहित भारी संख्या में संत महंत तथा भक्तगण उपस्थित थे।