आरटीओ व पुलिस चेकपोस्ट की नाक तले गुजरते दर्जनों डंपर
प्रशान्त भाटिया
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
कोटद्वार। भाबर क्षेत्र के अंतर्गत मालन नदी में अवैध खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। अधिकारियों के खुलेआम संरक्षण के चलते दिन-रात ओवर लोडिंग डम्पर सड़क पर मौत बनकर दौड़ रहे हैं। मालन में कई-कई फुट गहरे गड्ढे खोद दिए हैं। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि वन विभाग की स्वीकृति लिए बगैर खनन माफियाओं द्वारा जंगलात की भूमि पर सड़क बनाकर खनन से भरे डंपर संचालित किए जा रहे हैं। स्पष्ट है कि खनन माफियाओं को वन-विभाग के छोटे से लेकर बड़े अधिकारी तक का खुला संरक्षण प्राप्त है और वह आंख पर पट्टी बांधकर धृतराष्ट्र बना हुआ हैं। गौरतलब है कि यदि वन- विभाग के छोटे बड़े अधिकारियों ने अपनी आंखें मूंद भी रखीं है तो उत्तराखंड उत्तरप्रदेश की सरहद कोडिया चेकपोस्ट पर परिवहन विभाग व कोटद्वार पुलिस की चेकपोस्ट से भी ये डंपर बड़ी आसानी से कैसे निकल जाते है। पर परिवहन विभाग व पुलिस खनन माफियाओं द्वारा चढाए जाने वाले प्रसाद से वह ऐश की जिंदगी जी रहा है। खनन माफियाओं द्वारा जंगलात की भूमि पर डम्परो के संचालित किए जाने से सैकड़ों छोटे-बड़े पेड़-पौधे खनन माफियाओं और वन-विभाग के अधिकारियों की भेंट चढ़ चुके हैं। इसका अंजाम आने वाली बरसात में बाढ़ के रूप में सामने आने वाला है?