अंग्रेजी शराब ठेके पर एक तरफ छूट दुसरी और उपभोक्ताओं से वसूले रहे मनमाने रेट
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विजय शर्मा
डोईवाला। डोईवाला अंग्रेजी शराब के ठेके पर उपभोक्ताओं से ठेकेदार व कर्मचारियों द्वारा मनमाने रेट वसूले रहे और विरोध करने पर ठेका संचालक द्वारा मार-पिटाई पर उतारू हो जाते हैं। आबकारी विभाग के अधिकारियों को शिकायत के बावजूद भी कारवाई ना होना, आबकारी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी बैठे हैं आंखें मुंदें।
डोईवाला ऋषिकेश रोड स्थित हेवन होटल के साथ, माजरीग्रांट लालतप्पड़ फन वैली के सामने और हर्रावाला में अंग्रेजी शराब के ठेके पर उपभोक्ताओं से ठेकेदार व कर्मचारियों द्वारा अंग्रेजी शराब खरीदने आ रहे उपभोक्ताओं से काफी समय से मनमाने रेट निधारित मूल्य से सभी प्रकार की अंग्रेजी शराब की बोतल पर दस रूपए से 40 रूपए से तक प्रतिदिन वसूले जा रहे हैं जिससे उपभोक्ताओं को शराब मंहगी लेनी पड़ रही है यदि कोई उपभोक्ताओं अधिक मूल्य का विरोध करे तो उससे कहा जाता है कि ये शराब पुराने रेट की है और नया रेट बढ गया है इसलिए तुम लोगों से ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे जिस पर कई बार ठेका संचालक व कर्मचारी उपभोक्ताओं से मार-पिटाई पर उतारू हो जाते हैं और ठेकेदार द्वारा उपभोक्ताओं से शराब वापस लेकर उन्हें पूरे पैसे वापस कर चलता कर देते हैं ये मनमानी लगातार जारी है जिसकी शिकायत प्रशासन और आबकारी विभाग को करने के.उपरांत भी कोई भी कार्रवाई ना होना उपभोक्ताओं अपने आप को ठगा सा महसूस करते हैं वही शराब के ठेकों पर केसलैस व्यवस्था भी लागू नहीं है और अंग्रेजी ठेका संचालक और कर्मचारियों द्वारा उपभोक्ताओं को शराब को बोतल लेने पर और बिल मांगने पर भी उनको शराब खरीद का कोई बिल नहीं दिया जाता है और जब इसकी शिकायत आबकारी विभाग के अधिकारियों को कि जाती है वह अंग्रेजी शराब की दुकानों पर पहुंच कर ठेकेदारों व कर्मचारियों के विरुद्ध खानापूर्ति के नाम पर ठेको पर जाकर कार्रवाही नही कर वह अपने कार्यालय वापस चले जाते हैं जिसका अंग्रेजी शराब संचालकों व कर्मचारियों पर उनकी इस खानापूर्ति की कार्यवाही का उनके ऊपर कोई असर नहीं पड़ता है वह फिर वह अंग्रेजी शराब में उपभोक्ताओं को पूर्व की भांति ओवर रेटो पर शराब बेचना शुरू कर देते हैं जिससे उपभोक्ताओं में शासन, प्रशासन और आबकारी विभाग के अधिकारियों के प्रति भी नाराजगी है वही दुसरी और ठेका संचालक कह रहे कि हमें घाटा हो रहा है वहीं दूसरी ओर देखा जाये तो जब अंग्रेजी शराब एमआरपी रिटो से ज्यादा दरों पर उपभोक्ताओं को शराब बेची जा रही है तो इन अंग्रेजी शराब के ठेकों पर संचालकों को किस बात का घाटा हो रहा है अंग्रेजी संचालक एमआरपी रेटों से ज्यादा पैसा किस के आदेश पर वसूल रहे हैं यह जांच का विषय है जांच के उपरांत ही सही और गलत का पता लग पाऐगा जिस कारण राज्य सरकार को अंग्रेजी शराब के ठेको से भारी राजस्व की हानि हो रही है वही इन दिनों इन शराब के ठेके वालों ने बैनर भी टांग रखे हैं कि अंग्रेजी शराब पर छूट है लेकिन वही एक तरफ छूट तो वहीं दूसरी तरफ एमआरपी रेट से ज्यादा अंग्रेजी शराब बेच रहे हैं यह कैसी छूट है इसका उपभोक्ता भी नहीं समझ पा रहे हैं की अंग्रेजी शराब के संचालकों व कर्मचारियों द्वारा किस बात की छूट दे रखी है जब एमआरपी रेट से ज्यादा पैसे वसूल रहे हैं तो किस बात की छूट इसकी जांच होनी चाहिए साथ ही प्रशासन और आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर कार्रवाई की जानी चाहिए लेकिन वही दुसरी और प्रशासन और आबकारी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी इस और अपनी आँखें मुंदे बैठे है।