जीवन जीने की कला सीख रहे सीआईएसएफ के जवान
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औद्योगिक सुरक्षा कर्मी सीख रहे हैं जीवन जीने की कला
हरिद्वार। स्थानीय भेल उपनगरी के परिसर में स्थित केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी.आई.एस.एफ) के लगभग एक सौ से भी अधिकारी व जवान अपने कमांडेन्ट श्री सत्य देव आर्या तथा डिप्टी कमांडेंट श्री दीपक कुमार जी के नेतृत्व में अपने को मानसिक तथा शारीरिक रूप से चुस्त और दुरुस्त रखने के उद्देश्य से जीवन जीने की कला सीख रहे हैं। प्रख्यात मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता तथा 'आर्ट आफ लिविंग फाउण्डेशन' के प्रशिक्षक श्री तेजिन्दर की देखरेख में एक छः दिवसीय 'तनाव प्रबन्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम' की शुरुआत आज सुबह सी.आई.एस.एफ. के प्रांगण में हुई।
कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत करते हुए कमांडेन्ट श्री आर्या ने अपने अधिकारियों व जवानों को शारीरिक व मानसिक सम्पन्नता के महत्व तथा उसकी आवश्यकता पर बल दिया तथा विभाग के लोगों से अधिक से अधिक संख्या में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने की अपील की। प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम दिवस प्रशिक्षक तेजिन्दर सिंह ने प्रतिभागियों को श्वांस लेने के विभिन्न तरीकों से अवगत कराया तथा श्वांस लेने की उचित विधियाँ सिखाईं। उन्होंने कहा कि श्वांस लेने के सही तरीके अपनाने से हम अपनी श्वांसों को न केवल बचा सकते हैं, बल्कि अपनी आयु में भी वृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को उज्जयी तथा भस्त्रिका प्राणायाम का जम कर अभ्यास कराया और साथ ही त्रिस्तरीय प्राणयाम करा कर 'सुदर्शन क्रिया' के प्रशिक्षण की भी शुरुआत की। उन्होंने बताया कि
उज्जयी और भस्त्रिका मनुष्य में त्वरित ऊर्जा का संचार करती है और लम्बी व गहरी श्वांस फेफड़ों को मजबूती प्रदान करती है। मानसिक रूप से स्वस्थ बने रहने के लिये भी यह सभी क्रियाएं अपनी क्रियाओं में बहुत आवश्यक हैं।
इसके पूर्व शालिनी शर्मा ने सभी प्रतिभागियों को हल्के व्यायाम का प्रशिक्षण दिया। इसके अतिरिक्त इस प्रशिक्षण शिविर के आयोजन में 'आर्ट आफ लिविंग फाउंडेशन' के डा. निशान्त खण्डेलवाल, अरुण कुमार पाठक, एडवोकेट पंकज गोयल और डा. राधा कृष्ण अग्रवाल ने भी उल्लेखनीय सहयोग व योगदान दे रहे हैं। इस शिविर में हरिद्वार के अलावा सी.आई.एस.एफ. की टिहरी व धौली गंगा के प्रतिभागी भी हिस्सा ले रहे हैं।
विदित है कि मलेशिया से मानसिक परामर्शदाता की ट्रेनिंग प्राप्त तेजिन्दर सिंह 2004-05 से 'आर्ट आफ लिविंग' के हरिद्वार चैप्टर के प्रभारी हैं तथा एवं भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, हरिद्वार से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। विगत सत्रह वर्षों से सैंकड़ों आर्ट आफ लिविंग कार्यशालाओं में यह सभी आयु वर्गों के विद्यार्थियों तथा समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े ११००० से भी के अधिक लोगों को प्रशिक्षित कर चुके हैं। देश और प्रदेश के अनेक स्थानों पर अपने मनोवैज्ञानिक संभाषणों से तमाम लोगों को लाभान्वित कर चुके वर्षीय तेजिन्दर सिंह की एक पुस्तक - 'एम्पावरिंग बाॅडी एण्ड माइंड' भी प्रकाशित हो चुकी है, जिसका हिन्दी रूपांतर भी शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है।