एसएसबी श्रीनगर के दीक्षांत समारोह में 119 आरक्षी बने सशस्त्र सीमा बल का हिस्सा
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल। केन्द्रीय कृत प्रशिक्षण केंद्र सशस्त्र सीमा बल श्रीनगर गढ़वाल में आज प्रथम बुनियादी प्रशिक्षण कोर्स का दीक्षांत समारोह धूम धाम से मनाया गया। इस दीक्षांत परेड में विभिन्न प्रान्तों से (उत्तर प्रदेश-49, बिहार-31, राजस्थान-31,हिमाचल प्रदेश-2, हरियाणा-2,मध्य प्रदेश-2,जम्मू एवं कश्मीर-1 पश्चिम बंगाल-1, कुल-119 आरक्षी गहन प्रशिक्षण संपन्न करके बल के सिपाही के रूप में राष्ट्र सुरक्षा का कार्य करने हेतु उपस्थित है। इस बैच में 2 स्नातकोत्तर डिग्री धारक है और 92 स्नातक डिग्री धारक हैं।
आज के दीक्षान्त परेड समारोह के मुख्य अतिथि छेरिंग दोरजाई,महानिरीक्षक आसूचना बल मुख्यालय नई दिल्ली द्वारा सर्वप्रथम शहीद स्मृति स्थल पर एस.एस.बी. के शहीद हुए जवानों को पुष्पांजलि अर्पित की तपश्चात आरक्षी प्रशिक्षु पुनःनियुक्ति द्वारा मुख्य अतिथि को सलामी दी गई एवं मुख्य अतिथि द्वारा परेड का निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर छेरिंग दोरजाई,महानिरीक्षक,सूचना,सशस्त्र सीमा बल,बल मुख्यालय नई दिल्ली के दिशा निर्देश में डिप्टी कमांडेंट राजन राय द्वारा प्रशिक्षुओं को राष्ट्रीय ध्वज व निशान के समक्ष संविधान को साक्षी मानकर पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि इन 119 आरक्षी प्रशिक्षुओं को 32 सप्ताह के गहन प्रशिक्षण की अवधि में इन्हें शारीरिक व मानसिक तौर पर क्षमता प्रदान करने के साथ-साथ इनकी सोच में सकारात्मकता की तरंगे प्रवाहित करने का सम्पूर्ण प्रयास किया गया है,जिससे बल की निरंतर बढती हुई जिम्मेदारियों में यह सभी सशक्त एवं सफल सैनिक के दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन कर सके। सशस्त्र सीमा बल के सभी कर्तव्यों चाहे वो नेपाल-भूटान सीमा पर हो,चाहे निम्न तीव्रता संघर्ष,प्रति विद्रोहिता,नक्सल विरोधी,आंतरिक सुरक्षा या कानून व्यवस्था सभी को बाहरी प्रशिक्षण में अनुकरण करके सिखाया गया है।
'राष्ट्र रक्षायां कृत संकल्पोस्ति' के अपने ध्येय वाक्य के अनुरूप,इन प्रशिक्षुओं को श्रेष्ठतम प्रशिक्षण प्रदान करने का प्रयास किया गया है। इनमे निर्भीकता का भाव संचार करने के उद्देश्य से पर्वतारोहण,तैराकी,आदि साहसिक गतिविधियों का अवसर भी इन्हें प्रदान किया गया है। इन प्रशिक्षुओं को श्रेष्ठतम बनाने के लिए हमारे प्रशिक्षकों ने भरपूर प्रयास किया है कि इन प्रशिक्षुओं में सैन्य जीवन के सारे गुण समाहित हो जिससे न केवल कुशल बलकर्मी,बल्कि पदस्थापना के स्थल के निवासी सीमान्त जनता भी इनके प्रशिक्षण अनुभव का लाभ लेते हुए अच्छे जीवन की कल्पना को साकार कर सके। 1 जून 2017 से अधिकारिक रूप से स्थापित इस केन्द्रीयकृत प्रशिक्षण केंद्र में अब तक कुल 93 प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न करवाये जिसमे 15 मूलभूत प्रशिक्षण,43 पदोन्नति प्रशिक्षण, 19 इन सर्विस प्रशिक्षण व 16 व्यावसायिक विषयगत प्रशिक्षण जिसमे घुड़सवारी के 3 प्रशिक्षण भी शामिल है। इन प्रशिक्षणों में कुल 5674 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित कर उन्हें राष्ट्र सेवा हेतु भेजा गया। आज उत्तीर्ण होने वाले इन 119 प्रशिक्षु को मिलाकर 5793 बल कार्मिकों को प्रशिक्षित किया गया है। प्रशिक्षण केंद्र में वर्तमान में 22 वें उप-निरीक्षक सीधी भर्ती कोर्स की महिला प्रशिक्षु Re-appear, उप-निरीक्षक (सीधी भर्ती) का 24 वां बैच के कुल 86,महिला प्रशिक्षु सहित प्रशिक्षुओ और उप- निरीक्षक सीधी भर्ती का 25 वां बैच के 10 प्रशिक्षुओं के कुल 97 प्रशिक्षुओं के साथ प्रगति पर है। इसके उपरांत प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न गतिविधियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षुओं को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ओवरऑल-बेस्ट का पुरस्कार आरक्षी प्रशिक्ष-नीरज कुमार उत्तर प्रदेश को दिया गया। समस्त प्रशिक्षण में सर्वोत्तम प्रशिक्षु को यह पुरस्कार दिया जाता है। आंतरिक प्रशिक्षण का पुरस्कार आरक्षी प्रशिक्षु/महिला- मंजू कुमारी राजस्थान को दिया गया। ट्रेनिंग के दौरान जो प्रशिक्ष आंतरिक गतिविधिओं में सर्वश्रेष्ठ रहता है उसे यह पुरस्कार दिया जाता है,बाह्य-प्रशिक्षण का पुरस्कार आरक्षी प्रशिक्षु-सुमेर सिंह यादव राजस्थान को दिया गया। ट्रेनिंग के दौरान जो प्रशिक्षु बाह्य गतिविधियों में सर्वश्रेष्ठ रहता है उसे यह पुरस्कार दिया जाता है, सर्वोतम-फायरर का पुरस्कार आरक्षी प्रशिक्षु मुकेश कुमार सुंडा राजस्थान को दिया गया ट्रेनिंग के दौरान विभिन्न हथियारों का प्रशिक्षण दिया जाता है फायरिंग में जो सर्वोत्तम रहे उसे यह पुरस्कार दिया जाता है,बेस्ट-ड्रिल और टर्नआउट का पुरस्कार आरक्षी प्रशिक्षु आशीष कुमार विश्वकर्मा (उत्तर प्रदेश) को दिया गया। ट्रेनिंग के दौरान सर्वोतम वर्दी,साज-सज्जा एवं ड्रिल में सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु को यह पुरस्कार दिया जाता है ,सर्वोत्तम प्रशिक्षु (खेल एवं शारीरिक दक्षता) का पुरस्कार आरक्षी प्रशिक्षु-सौरभ यादव उत्तर प्रदेश को दिया गया। ट्रेनिंग के दौरान जो प्रशिक्षु विभिन्न शारीरिक प्रशिक्षण गतिविधियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है उसे यह पुरस्कार दिया जाता है,सर्वोत्तम 16 किलोमीटर दौड़ का पुरस्कार आरक्षी प्रशिक्षु दीपक कुमार उत्तर प्रदेश को दिया गया। ट्रेनिंग के दौरान 16 किलोमीटर दौड़ का आयोजन किया जाता है 16 किलोमीटर दौड़ में जो सर्वोत्तम रहे उसे यह पुरस्कार दिया जाता है,सर्वोतम बाधाओं/हमले से बचने का पुरस्कार आरक्षी प्रशिक्षु विक्रम वर्मा राजस्थान को दिया गया। ट्रेनिंग के दौरान विभिन्न बाधाओं/ हमले से बचने का प्रशिक्षण दिया जाता है विभिन्न बाधाओं/ हमले से बचने में जो सर्वोत्तम प्रदर्शन करता है उसे यह पुरस्कार दिया जाता है,सर्वोत्तम स्पोर्ट्स का पुरस्कार आरक्षी प्रशिक्षु प्रेम सिंह हिमाचल प्रदेश को दिया गया।
ट्रेनिंग के दौरान विभिन्न स्पोर्ट्स का प्रशिक्षण आयोजन किया जाता है स्पोर्ट्स में जो सर्वोत्तम प्रदान करता है उसे यह पुरस्कार दिया जाता है। सर्वोतम विभिन्न हॉबी क्लबों/ सांस्कृतिक के व्यक्तिगत का पुरस्कार आरक्षी प्रशिक्षु/महिला-सोमा रक्षित पश्चिम बंगाल को दिया गया।
ट्रेनिंग के दौरान विभिन्न हॉबी क्लबों सांस्कृतिक के व्यक्तिगत का प्रशिक्षण दिया जाता है विभिन हॉबी क्लबों/ सांस्कृतिक के व्यक्तिगत में जो सर्वोत्तम रहे उसे यह पुरस्कार दिया जाता है
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में यह बल भारत-नेपाल और भारत-भूटान के मध्य अन्तर्राष्ट्रीय सरहदों की सुरक्षा के दायित्व को संभाले हुए है। ऐसी संवेदनशील और खुली सीमाओं की पूर्ण रक्षा एक जटिल कार्य है। मुझे यह आशा है कि आप महान जन हितैशी बल के सदस्य के रूप में "सेवा सुरक्षा और बन्धुत्व" के मूल मंत्र को सीमाओं की सुरक्षा और प्रबंधन में उसी उत्साह को कायम रखेंगे। मुख्य अतिथि ने विश्वास जताया कि आपका 32 सप्ताह का गहन प्रशिक्षण आपके कर्तव्य को सक्षम रूप से पूरा करने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करता है। मुख्य अतिथि ने प्रशिक्षण के विभिन्न पहलुओं में चुने गए सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षुओं को बधाई दी। इसके बाद केन्द्रीय कृत प्रशिक्षण केंद्र श्रीनगर के ब्रास-बैंड दस्ते द्वारा कदम कदम बढ़ाये जा,हम है सशस्त्र सीमा बल,भारत के जवान और सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा आदि धुनों पर प्रदर्शन किया तथा राजस्थान मार्च और ब्रह्मपुत्रा मार्च किया गया। इस शानदार प्रदर्शन के बाद प्रशिक्षुओं द्वारा प्रशिक्षण से संबधित अलग अलग प्रदर्शन प्रस्तुत किये गए।