शहीद दुर्गामल्ल राजकीय महाविद्यालय में 35वें राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
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विजय शर्मा
डोईवाला। शहीद दुर्गामल्ल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डोईवाला में 35वें राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की पूर्व संध्या पर यूकोस्ट, लक्ष्य सोसाइटी और अग्रणी विकास समिति के संयुक्त तत्वाधान में कार्यक्रम आयेजित किया गया जिसमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अन्वेषण का भविष्य-शिक्षा कौशल एवं कार्य संस्कृति पर प्रभाव को लेकर विशेषज्ञों ने विचार रखे।
डोईवाला शहीद दुर्गा मल्ल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 35 वे राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर UCOST व लक्ष्य सोसाइटी एवं अग्रणी विकास समिति के संयुक्त तत्वाधान में कार्यक्रम आयेजित किया गया। सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ सी. वी. रमण के द्वारा 28 फरबरी को रमण इफ़ेक्ट के बारे में विश्व को ज्ञात हुआ इसी आधार पर डा० सी० बी० रमन को भौतिकी में नोबेल अवार्ड मिला।इसी उपलक्ष्य में विज्ञान दिवस का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष की थीम है- Future of STI: 'Impact on Education Skills and Work' (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अन्वेषण का भविष्य-शिक्षा कौशल एवं कार्य संस्कृति पर प्रभाव) महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. डी. सी. नैनवाल ने अपने उदबोधन में कहा कि समाज के उत्थान, उनत्त भारत व आत्मनिर्भर भारत मे विज्ञान व प्रोधोगिकी द्वारा क्या योगदान हो सकता है इसमें छात्र छात्राओं के योगदान में देहरादून में स्थित केंद्रीय संस्थानो का सहयोग से हम अपने राष्ट्र के लिए योगदान दे सकते हैं। डॉ राकेश जोशी प्रभारी रसायन विभाग ने कहा कि टेक्नोलोजी का हमारे जीवन मे अत्यंत महत्व है इसलिए युवा पीढ़ी को इस महान कार्य मे लगाते हुए देश सेवा करनी चाहिए। डॉ डी. एन तिवारी प्रभारी प्राचार्य ने सभी अतिथियों का स्वागत किया, डॉ राजेंद्र डोभाल महा निदेशक यू कोस्ट ने ऑनलाइन शुभकामना संदेश दिया। यू कॉस्ट से पी आर श्री अमित पोखरियाल ने भारत सरकार की योजनाओं के विषय मे बताते हुए कहा कि जल्दी ही साइंस सिटी विकसित होने वाली है, कृष्ण असवाल समीक्षा अधिकारी सचिवालय ने कहा कि विज्ञान व टेक्नोलॉजी सभी के लिए है उसमें सभी का सम्म्लित होना व वैज्ञानिक दृष्टिकोण होना आवयश्क है। डॉ डी.पी उनियाल-संयुक्त निदेशक यू कॉस्ट ने इस अवसर पर सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंस्टाइन व दार्शनिक अरस्तु के साथ अनेक वैज्ञानिकों व आधुनिक शोध कर्ताओ को स्मरण करते हुए कोविड वैक्सीन व वैज्ञानिक नवोन्मेषी तकनीकों को रोचक ढंग से बताया, डॉ ब्रज मोहन शर्मा निदेशक व सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक ने कहा कि नवोन्मेष में हमें जिज्ञासा का होना अनिवार्य है उन्होंने अपनी वैज्ञानिक यात्रा का श्रेय अपनी माताजी को दिया व पूर्व राष्ट्रपति अबुल कलाम व अन्य वैज्ञानिकों को स्मरण किया साथ ही नवोन्मेष में सभी को सहभागिता करनी चाहिए।उन्होंने अपनी एल ई डी बल्ब निर्माण यात्रा के विषय मे बताया इसअवसर पर एक विज्ञान गोष्ठी में छात्र छात्राओ ने भाग लिया जिसका का विषय था-'ग्रामीण विकास में विज्ञान व तकनीक का महत्व' इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान श्रुती नौटियाल बीएससी द्वितीय वर्ष ने अक्षय नेगी बी एस सी पंचम वर्ष ने द्वितीय स्थान सोनाली बी एससी पंचम सेमेस्टर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विज्ञान दिवस पर एक चार्ट प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें प्रथम स्थान पर ज्योति द्वितीय स्थान पर आयुष भट्ट तृतीय स्थान पर सुरभी व कंचन को मिला। कार्यक्रम में डॉ वल्लरी कुकरेती डॉ संतोश वर्मा डा०एस के० कुड़ियाल,कार्यक्रम आयोजक डॉ दीपा शर्मा डॉ राकेश जोशी डॉ अंजलि वर्मा,डॉ कंचन सिन्हा,डॉ प्रतिभा बलूनी,डॉ ब्लूडी,डॉ नीलू कुमारी, डॉ रेखा डॉ कंचन सिंह ,डॉ पूनम पांडेय. डॉ वन्दना गौर , डॉ आशा रोंगाली,डॉ पल्लवी मिश्रा, डॉ राजपाल रावत डॉ जसवंत चौहान उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डर राखी पांचोल। व अविनाश मालहसी ने किया। कार्यक्रम में 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया।एन एसएस व एन सी सी के कैडेट्स ने भी प्रतिभाग किया।