आखिर कौन काट रहा है छावनी परिषद मसूरी में प्रबंधित देवदार और बांज के पेड़
आखिर कौन काट रहा है छावनी परिषद मसूरी में प्रबंधित देवदार और बांज के पेड़
पर्यावरणविद्वों ने जताई चिंता, सरकार से छावनी परिशद के जंगलो को बचाने की करी मांग
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
सुनील सोनकर
मसूरी। छावनी परिषद अपने हरे भरे और घने जगलों के लिए जाना जाता है इस क्षेत्र में बेश कीमती बांज और देवदार के पेड़ है जिनके कटान पर केन्द्र सरकार द्वारा पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है परंतु इसके बावजूद छावनी परिशद के जंगल खतरे में है। इन दिनों कुछ जंगल माफियाओं द्वारा छावनी परिषद की जंगल में से बांज और देवदार के पेड़ों को पेड़ों पर आई चलाने का काम किया जा रहा है पिछले दिनों लाल टिब्बा के पास भी बेश कीमती देवदार और बांज के पेड़ों को काटा गया है इसके सबूत आज भी वहां मौजूद है। वहीं हाल में छावनी परिशद मसूरी के खट्टा पानी क्षेत्र में दर्जनों बांज और देवदार के पेड़ काटे गए हैं इसके सबूत वहां पर मौजूद है वह काटे हुए पेड भी वहा पर पडे हुए। जंगल माफिया द्वारा किसी बड़ी मिली भगत को अंजाम देकर छावनी परिषद के जंगलों में से बेष े कीमती पेड़ों को नुकसान पहुंचाकर काटने का काम कर रहा है जिसमें छावनी परिषद की अधिकारियों की मिलीभगत भी साफ तौर पर नजर आ रही है मसूरी खट्टा पानी क्षेत्र में कटे पेड़ों की सूचना पर डीएफओ मसूरी अमित कंवर ने संज्ञान लिया और उनके द्वारा वन विभाग की टीम मौके पर भेजी गई और पाया गया कि करीब 5 से 6 देवदार के पेडों को हाल में काटे गए हैं और करीब एक दर्जन से ज्यादा पेड़ पूर्व में काट दिए गए हैं उन्होंने बताया कि छावनी परिषद के क्षेत्र में पेड़ काटे गए हैं वह छावनी परिशद का क्षेत्र उनके जूरिडिक्शन में नहीं आता है । छावनी परिषद में वनों की देखभाल करने की जिम्मेदारी भी छावनी परिषद की है उन्होंने बताया कि लाल टिब्बा क्षेत्र में वन अग्नि पर काबू पाने के लिए जब वह मौके पर पहुंचे थे तो वहां पर उन्होने देखा था कि कई बेेश कीमती पेड़ काटे गए हैं जिसको लेकर उनके द्वारा छावनी परिषद मसूरी के सीईओ को पत्र लिखा गया और अपने वनों की सुरक्षा करने के लिए कहा गया परंतु खट्टा पानी में हाल में कटे पेड़ों से यह साफ है की छावनी परिषद अपने जंगलों की देखभाल नहीं कर रहा है उन्होंने कहा कि वह पूरे मामले को लेकर जल्द उच्च अधिकारियों से वार्ता करेंगे जिससे छावनी परिषद की जंगलों को बचाया जा सके। मसूरी के र्प्यावरणविद्वो ने छावनी परिशद में खुल्लेआम बेखौफ तरीके से काटे जा रहे बांज और देवदार के पेडों के कटान को लेकर ंिचता जताई है। उन्होने कहा कि भूमािफयाओं की नजर अब छावनी परिशद के क्षेत्र में भी पड गई है भूमािफयाओं द्वारा पहले मसूरी को कंक्रीट का जंगल बना दिया गया अ बवह छावनी परिशद में भी हरे भरे प्रतिबंधित पेडों को कटा रहे है जो बर्दाष्त नही किया जायेगा। उन्होंने प्रदेश सरकार से छावनी परिषद के जंगलों को बचाये जाने को लेकर जल्द कडे कदम उठाने की मांग की। इस संबंध में छावनी परिषद के सीईओ से सम्पर्क करने की कोशिश की गई परन्तु उनसे सम्पर्क नही हो पाया।