युवाओं के लिए निराशा से भरा है बजट--अंकित उछोली
युवाओं के लिए निराशा से भरा है बजट--अंकित उछोली
सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल।पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अंकित उछेली ने केंद्र सरकार द्वारा पेश बजट को युवाओं,किसानों,महिलाओं के लिए निराशाजनक बताया हैं। जहां युवाओं के लिए सस्ती,सुलभ उच्च शिक्षा की बात होनी चाहिए थी,लेकिन बजट में लोन आधारित उच्च शिक्षा की बात की जा रही है। सरकार देश के युवाओं को निजीकरण की तरफ धकेलना चाहती है, जिसकी तैयारी इस बजट में भी दिखाई देती है। घोषणाओं से इतर युवाओं के रोजगार का कोई रोडमैप बजट में नहीं है। एक तरफ देश के युवा लगातार हो रही पेपर लीक की घटनाओं व भर्ती घोटालों से परेशान हैं,लेकिन बजट में इसको लेकर कोई चर्चा नहीं हैं। बजट में प्रस्तावित देश में विभिन्न क्षेत्रों पर होने वाले खर्चों की बात करें तो सबसे कम खर्चा स्वास्थ्य और शिक्षा पर करने की बात कही गई है। विशेषकर उच्च शिक्षा की बात करें तो शिक्षा मंत्रालय के बजट में 7 फीसदी की कटौती की गई है,साथ ही यूजीसी के बजट में भी 60 फीसदी से अधिक की कमी की गई है,ऐसे में ये समझना मुश्किल है कि बिना अच्छी उच्च शिक्षा के स्किल इंडिया कैसे बनाया जायेगा। बजट में आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए विशेष पैकेज की घोषणाओं के अतिरिक्त किसी भी राज्य के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं है,इससे स्पष्ट है बजट सरकार द्वारा सरकार को बचाने के लिए किया गया प्रयास भर है। उत्तराखंड को भी बजट से निराशा ही हाथ लगी है,भूस्खलन व बादल फटने की घटनाओं पर मुआवजे के अतिरिक्त यहां के पर्यटन,कृषि,रोजगार व पलायन रोकने के लिए किसी भी प्रकार की किसी योजना की घोषणा बजट में नहीं की गई है। कुल मिलाकर यह बजट हमेशा की तरह बिना स्पष्ट रोडमैप वाला जुमलों से भरा बजट है,जिससे आम जनता को निराशा हाथ लगी है।