तिब्बती समुदाय के लोगों ने तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह की 62वीं वर्षगांठ में निकाली रैली
सुनील सोनकर
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह की 62वीं वर्षगांठ पर तिब्बती महिलाओं और पुरूषो ने मसूरी के हाथीपाव चैक से मालरोड होते हुए एसबीआई बैक चैक तक रैली निकाली तथा तिब्बत समुदाय के लोगो को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया। इस मौके पर तिब्बती समुदाय के लोगो ने भारत के पक्ष में नारे लगाये वही तिब्बत की अजादी की मांग की। इस मौके पर तिब्बती समुदाय के लोगो ने चीन सरकार से अपनी वर्तमान नीतियों का पुन अवलोकन करने की मांग है, क्योंकि चीन सरकार की दमनकारी नीतियों की वजह से तिब्बतियों को अहिंसात्मक आत्मदाह और प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
इस मौके पर तिब्बतियन वूमेन एसोसिएशन की अध्यक्ष नमगीन ढोलकर और शिंदे नमगेल ने कहा कि एसोसिएशन यूएनओ से मांग करती है कि चीन पर दबाव बनाकर जबरन बंदी बनाए गए 11वें पंचेन लामा को शीघ्र रिहा किया जा एसोसिएशन ने चीन नेतृत्व से प्रेस की आजादी के साथ तिब्बत में मानवाधिकारों का सम्मान करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन धर्मगुरु दलाई लामा की दीर्घायु की कामना करती है और उम्मीद करते हैं कि तिब्बती लोग दलाईलामा के नेतृत्व में तिब्बत में संगठित हों। उन्होने कहा कि चाइना द्वारा तिब्बती समुदाय की महिलाओं की नसबंदी कराई जा रही है जिससे तिब्बती समुदाय के जन संख्या ना बढ पाये। उन्होने भारत सरकार वह अनय देशों से तिब्बत को चाइना के चुगल से आजाद कराने की मांग की।
उन्होने कहा, तिब्बतियों ने हमेशा अपनी मातृभूमि के लिए एक शांतिपूर्ण संघर्ष का नेतृत्व किया है और यह समय है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय तिब्बतियों की दुर्दशा पर चीन की उच्चस्तरीयता के तहत ध्यान दें। उन्होंने कहा कि चीनी अधिकारियों द्वारा तिब्बतियों का निरंतर दमन किया जा रहा है जो चिंता का विषय है, तिब्बती की सांस्कृतिक प्रभावों को कम करने का भी प्रयास किया जाता है। उन्होने कहा कि “मार्च 2008 से, चीन सरकार ने निर्वासित तिब्बती नेता और नोबेल पुरस्कार विजेता दलाई लामा के खिलाफ प्रचार शुरू किया है। “लेकिन हमने अपने संघर्ष का शांतिपूर्ण के साथ जारी रखा है, भले ही पिछले कुछ वर्षों में यातना और घटनाओं वृद्धि हुई है। चीनी शासन ने बड़े पैमाने पर कवर अप ऑपरेशन शुरू किया है। उन्होने कहा कि तिब्बती समुदाय का प्रत्येक नागरिक भारत सरकार का उनको संरक्षण देने के लिये आभार व्यक्त करता है साथ ही चाइना से तिब्बत की आजादी की भी मांग कर रहा है।