सीता स्वयंवर में श्री राम ने तोड़ा भगवान शिव का धनुष
आशु आर्य
हरिद्वार। बहादुरपुर जट रामलीला कमेटी के द्वारा सोमवार देर रात धनुष यज्ञ की लीला दिखाई गई । रामलीला के डायरेक्टर धर्मेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि राम और लक्ष्मण विश्वामित्र जी के साथ जनक द्वारा आयोजित स्वयंवर में पहुंचते हैं। स्वयंवर में शिव जी के पुराने धनुष के चिल्ला चढ़ाने की शर्त रखी जाती है।कहा गया ।जो भीराजकुमार धनुष का चिल्ला चढ़ाएगा सीता का विवाह उसी राजकुमार से होगा ।सभी राजकुमारो ने अपनी अपनी शक्ति का प्रयोग करते हैं। परंतु कोई भी धनुष को हिला तक नहीं पता विश्वामित्र की आज्ञा पाकर रामचंद्र धनुष को उठाते हैं। चिल्ला चढ़ाते समय धनुष के टुकड़े-टुकड़े हो जाते हैं। सीता रामचंद्र जी के गले में वरमाला डालती हैं ।और दोनों का विवाह संपन्न होता है। इसी समय शिव धनुष टूटने से परशुराम की तपस्या भंग होती है। वह जनक के दरबार में आकर सब पर क्रोध करते हैं ।तब उनकी बहस लक्ष्मण से होती है परंतु रामचंद्र जी उन्हें बताते हैं कि राम और परशुराम एक ही है तब परशुराम को आभास होता है कि रामचंद्र जी विष्णु के अवतार हैं वह अपनी गलती को मानकर वापस लौट जाते हैं।