फर्जी डिग्री से बन गए टीचर मुकदमा दर्ज।
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दिलशाद अली
लक्सर कोतवाली क्षेत्र के दरगाह पुर गांव के प्राथमिक सरकारी स्कूल में तैनात रहे सहायक अध्यापक राजबीर सिंह के खिलाफ फर्जी एल टी प्रमाण पत्रों के सत्यापन में यह खुलासा हुआ है, जिसके बाद से विभागीय अफसरों में खलबली मची है। तेजी के साथ पड़ताल चल रही है। इधर उपखण्ड शिक्षाधिकारी लक्सर अमित कोटियाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित शिक्षक राजबीर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की एल टी डिग्रियां हासिल कर शिक्षक ने बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी पाई है। सूबे के कई जिलों में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद शासन ने उपरोक्त विश्वविद्यालयों की डिग्रियों की जांच के आदेश दिए हैं। जनपद में शिक्षकों की डिग्रियों के सत्यापन की कार्रवाई चल रही है, जिसमें कई शिक्षक फंस गए हैं। जांच के दौरान उनकी डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं। फर्जीवाड़े का खेल खुलते ही शिक्षा विभाग के अफसरों में हड़कंप मचा है।
अधिकारिक सूत्रों की मानें तो यूनिवर्सिटी से जिन शिक्षकों की जांच आ गई है। उनमें कुछ नए व कुछ पुराने शिक्षक हैं। कई साल से वह विभाग में ड्यूटी बजा रहे हैं। हालांकि अपनी शंका को दूर करने के लिए अफसर जहां दोबारा से विश्वविद्यालय में जाकर उनका रिकार्ड खंगलवा रहे हैं, वहीं उन पर कार्रवाई भी छेड़ दी है। फर्जीवाड़ा कर शिक्षक बने लोगों को विभाग द्वारा खामोशी के साथ नोटिस जारी कर दिया गया है। इसमें उनसे जवाब मांगा गया है। तत्पश्चात उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
शिक्षा विभाग में फर्जी डिग्रियों पर शिक्षक की नौकरी हथियाने का मामला कोई नया नहीं है। इससे पहले माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी ऐसा मामला पकड़ा गया था। जनपद के प्राइमरी स्कूल में तैनात शिक्षकों की डिग्री फर्जी पाई गई थी। यह फर्जीवाड़ा उस समय पकड़ा गया था जब संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय से उनके प्रमाण पत्रों व डिग्रियों की जांच कराई जा रही थी। खेल खुलते ही शिक्षक फरार हो गए थे। हालांकि दरगाहपुर प्राइमरी स्कूल के सहायक अध्यापक राजबीर सिंह के खिलाफ शिक्षा विभाग के अफसरों ने उनके खिलाफ लक्सर कोतवाली में रिपोर्ट लिखाई है।