युवा पीढ़ी नशे के आगोश में क्यों ?
चंदन सिंह बिष्ट
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
नैनीताल। युवा पीढ़ी पर नशीले पदार्थों की पकड़ लगातार मजबूत हो रही है. युवतियों में भी ड्रग्स स्टेटस सिंबल बन जाने से इस बुराई की समाप्ति और भी मुश्किल होती जा रही है. स्कूल कालेज भी नशे से अछूते नहीं रहे.युवा पीढ़ी पर नशीले पदार्थों की पकड़ लगातार मजबूत हो रही है. युवतियों में भी ड्रग्स स्टेटस सिंबल बन जाने से इस बुराई की समाप्ति और भी मुश्किल होती जा रही है. स्कूल कालेज भी नशे से अछूते नहीं रहे. नशीले पदार्थों को आमतौर पर 4 भागों में बांटा जाता है- अफीम व अफीम से बने मारफिन, कोडीन, हेरोइन व ब्राउन शुगर, गांजा व गांजे से बने चरस व हशीश, कोकीन, सैन्कोटिक ड्रग्स जैसे एलएसडी, मैंड्रोक्स व पीसीपी. ये सभी बेहद खतरनाक हैं. छोटे नगरों व गांवों में सुल्फे गांजे ने अपने पैर पसार रखे हैं, तो बड़े नगरों में हेरोइन व ब्राउन शुगर ने अपनी जड़ें जमा ली हैं. एक सर्वे में मुंबई में इन का सेवन करने वालों में 14 से 25 आयुवर्ग के युवक युवतियों की संख्या सब से अधिक है।