सुसवा नदी को बचाव और पुनर्जीवन को सयुंक्त संघर्ष समिति का किया गठन
विजय शर्मा
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
डोईवाला । सुसवा नदी को बचाव और पुनर्जीवन को ग्रामीणों और पर्यावरणविदों, उत्तराखंड क्रांति दल ने सुसवा नदी के पुनर्जीवन को लेकर बैठक में एक सयुंक्त संघर्ष समिति का गठन किया।
डोईवाला के कैमरी पंचायत भवन में ग्रामीणों, पर्यावरणविदों, उत्तराखंड क्रांति दल ने एक सयुंक्त महत्वपूर्ण बैठक आयोजित कि जिसमें सुसवा नदी के लिए एक सयुंक्त संघर्ष समिति का गठन किया। बैठक में यूकेडी के डोईवाला विधानसभा प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने बताया कि उत्तराखंड क्रांति दल सुसवा नदी को लेकर मानवाधिकार आयोग की शरण में गया था जिस पर मानवाधिकार आयोग ने जिलाधिकारी देहरादून और नगर निगम देहरादून को नोटिस जारी करते हुए 4 सप्ताह का समय जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये है जिससे क्षेत्र के लोगों मे एक उम्मीद जगी है और समाज के बड़े-बुजुर्गों, पूर्व सैनिकों का भी साथ मिलने लगा है। उन्होंने बताया कि सुसवा नदी को बचाव और पुनर्जीवन को सयुंक्त संघर्ष समिति का किया गठन जिसमें स्थानीय ग्राम प्रधान, जनप्रतिनिधि, पर्यावरणविदों को भी शामिल किया गया है और सुसवा नदी को बचाने के अभियान में शत रुद्रा ट्रस्ट भी आगे आया है और सुसवा नदी में गंदगी गिराने के लिए जिम्मेदार विभिन्न संस्थानों सहित सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका या एनजीटी में शिकायत दर्ज करवाने के विकल्प पर भी विचार किया गया।बैठक मे केंद्रपाल सिंह तोपवाल, सीमा रावत, प्रमोद डोभाल, समर्पण मल्होत्रा, बाबुराम बौड़ाई, शंकर सिंह भाटिया, आलम सिंह बिष्ट, शेखर ज्याला, विवेक सिंह बोहरा, अनूप कुमार बंगवाल, महेंद्र सिंह नेगी, डॉ लक्ष्मण सिंह बिष्ट, विनोद कुमार बहुगुणा, गणेश उनियाल, गोविंद सिंह बिष्ट, सूबेदार मेजर राजेंद्र प्रसाद, कैप्टन हरीश चंद्र जोशी, जगत सिंह मेहता, चंद्र सिंह बोहरा, हवालदार कलम सिंह खत्री, अशोक सिंह, मुकेश कुमार ,ग्राम प्रधान नेहा, माधो सिंह, हरेंदर सिंह असवाल, राजबाला आदि मौजूद थे।