शैक्षणिक भ्रमण के दौरान जौनपुर के किसानों ने सीखे जम्मू कश्मीर के डोड़ा मे लैवेंडर की खेती के अनेक गुर
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विरेन्द्र वर्मा
कैम्पटी / वन प्रभाग मसूरी के प्रभागीय वनाधिकारी कहकशा नसीम के निर्देशन में लैवंडर की खेती हेतु टिहरी जनपद के विकासखण्ड जौनपुर के अंतर्गत जौनपुर के अनेक स्थानीय किसानों को राज्य से बाहर शैक्षणिक भ्रमण हेतु जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में भेजा गया। जिसमें जौनपुर क्षेत्र के अनेक किसानों ने लैवेंडर की खेती
हेतु प्रधानमंत्री से प्रोग्रेसिव फार्मर का आवार्ड लेने वाले भारत भूषण के फार्मिग हाऊस डोडा जिले के लेहरोत गाँव
में लैंवेंडर की खेती के करने के अनेक गुर सिखे। इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान किसानों द्वारा जम्मू कश्मीर में हो रहे बागवानी के क्षेत्र में हो रहे बेहतर कार्यों को भी देखा।
लैवंडर की खेती करने वाले भारत भूषण ने किसानों को मक्के की पारंपरिक खेती छोड़ पहाड़ियों के ढलान पर खुशबूदार लैंवेंडर के फूल की खेती शुरू करने के गुर सिखाए।उन्होंने कहा कि अपेक्षाकृत अधिक फायदेमंद होने के साथ जिले में ‘बैंगनी क्रांति’ की भी ये शुरुआत है।केंद्र सरकार की सुगंध मिशन योजना के तहत लैंवेंडर के फूल की खेती करने वाले किसानों ने कहा कि गैर पारंपरिक सुगंधित पौधों की खेती शुरू कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि लैवेंडर की खेती ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों में बड़े आराम से की जा सकती है। एक बार लगाने के बाद इसका पेड़ करीब 15 से 20 साल तक जीवित रहता है। इससे किसान बड़े आराम से इस खेती को कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि लैवेंडर से निकलने वाले तेल की बाजार में कीमत काफी ज्यादा है। ऐसे में अगर पहाड़ी क्षेत्रों में लैंवेंडर खासकर ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों में लगाएं तो किसानों को काफी फायदा होगा। लैवेंडर को खास उसकी खुशबू के लिए जाना जाता है।लैवेंडर एक बारहमासी आने वाला पौधा है। जिसका प्रयोग चाय, कुकीज और मिठाइयों जैसी खाने की चीजों के साथ-साथ, घर सजाने में भी किया जाता है. इसकी खुशबू काफी मनमोहक होती है. इसका ज्यादा उपयोग परफ्यूम व साबून बनाने में किया जाता है।इसके तेल के भी बहुत से फायदे हैं। वही मसूरी प्रभागीय वनाधिकारी कहकशा नसीम ने बताया कि वन विभाग द्वारा स्वरोजगार को लेकर लैवेंडर की खेती हेतु जौनपुर के किसानों का एक दल जम्बू कश्मीर के डोडा जिले में भेजा गया, जहाँ से लैवेंडर की खेती के गुर सीखकर यहाँ भी शुरुवाद करेंगे। वही प्रधान संगठन जौनपुर के अध्यक्ष सुंदर सिंह रावत ने बताया कि इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान किसानों ने लैवेंडर की खेती के अनेक गुर सीखें जिसमें जम्मू कश्मीर के डोडा जिले की तर्ज पर जौनपुर में भी लैवेंडर की खेती की शुरुआत की जा रही है। जिसमें अन्य नगदी फसलों के साथ इस कार्य की शुरुआत कर किसान लाखों रुपए कमा सकता है। इस दौरान प्रधान संगठन जौनपुर के अध्यक्ष सुंदर सिंह रावत,बद्रीगाड रेंज के उप वन क्षेत्राधिकारी आनंद सिंह कण्डारी, कैम्पटी रेंज के वन दरोगा अर्जुन सिंह सजवाण, कैट प्रोजेक्ट के परियोजना समन्वयक राजेश कुमार कश्यप, बालम सिंह रावत, सूरत सिंह बर्तवाल, पूरण सिंह थापली, आनंद सिंह पुरवाण, तपेन्द्र बेलवाल, सोम्बारी गौड़,अरविंद सिंह कण्डारी,मुकेश रतूडी, सौरभ भण्डारी, सुमित राणा, आदि लोग मौजूद रहे।