कोरोमा बचाव पर आनंद अग्रवाल के विचार।
बलवंत सिंह रावत
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
रानीखेत – शुरू मे, पिछले वर्ष, ये चार चीजें कोरोना से बचाव के लिए बता दी गई थी – मास्क, सैनिटाइजर, दो गज की दूरी के साथ हाथ धोना जरूरी। इसके बाद कोई नई खोज आगे नहीं आई। जो मोदी जी ने कह दिया वह सारे टीवी, रेडियो पर छा गया। जो आम आदमी की खोज थी, जो मेरी खोज थी, उसे कही से भी आगे बढ़ने का रास्ता नही मिला। इस वर्ष सर्दियों में कोरॉना बढ़ने का अनुमान था, लेकिन वह कम हुआ। पिछले वर्ष शुष्क तथा गर्म मौसम में कोरोना घटने का अनुमान था, वैसा मौसम इस बार मिला, लेकिन कोरोना कम होने के बजाय ज्वालामुखी की तरह अशांत हो गया। पिछले वर्ष शादी ब्याह, पर्यटन सीजन के साथ सभी कारोबार ठप हो गए थे। इस बार भी पर्यटन सीजन पर असर साफ दिखाई दे रहा है। वैक्सीन भी लग रही है, लेकिन फिर भी कोरोना हमसे जीत रहा है;हमे इसे हराना है।
जहा से कोरोना छिप कर आक्रमण कर रहा है, हमे वहां तक पहुंचना है। जहा पर किसी का ध्यान नही जा रहा है, वह है रुपयों का लेन– देन। नोट देखते ही हम सब कुछ भूल जाते हैं। नोटो के लेन देन के बाद हाथ धोना भी भूल।जाते है, तथा उन्ही गंदे हाथो से जिसमे वायरस चिपक चुका है, उसी हाथ से कुछ भी खाने की वस्तु हाथ में ली, मास्क हटाया, और कुछ भी खा लिया। कोरोना वायरस को बहुत इज्जत के साथ मुंह तक पहुंचा दिया। बाजार जाने के बाद , रुपयों के लेन देन के बाद,टेंपो का हैंडल पकड़ने के बाद, समान घर लाने के बाद, कोरियर का पैकेट लेने के बाद, हर बार हाथ धोना या सैनिटाइज करना जरूरी था। लेकिन हमने सिर्फ खाना खाने से पहिले दिन भर में एक या दो बार ही हाथ धोए; तो आपके शहर में कोरोना केस बड़ने के साथ खतरा कितना बढ़ गया है इसका खतरा आप नही भाप सके। थूक लगाकर नोट भी गिन लिए, कुल्ला भी नही करा, खतरा ही खतरा। कोरोना से बचाव के लिए बाजार में जाकर कुछ भी खाने से कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है। इसमें वे ही लोग ज्यादा सुरक्षित है, जो घरों से बाहर नहीं निकलते, तथा बाहर का कुछ नही खाते हैं। जहा संक्रमण फैल रहा है, वह तो खतरा बहुत ज्यादा है। जो दुकानदार खाने की वस्तु बेच रहे है, उनका भी रुपयों के लेन देन के बाद हाथ धोना हर बार जरूरी है। लेकिन ऐसा देखने में नहीं आ रहा है। दुकानदार उन्ही हाथो से
रुपयों का लेन देन करने के बाद बिन हाथ धोए खाने पीने का खुला सामान बेच रहे हैं। कभी किसी का ध्यान इस पर नही गया। मोदी जी ने हाथ मिलाने को तो मना किया है, लेकिन रुपयों के लेन देन के बाद क्या हो सकता है, ये उन्होंने भी नही सोचा। डिजिटल माध्यम से लेन देन की बात तो उन्होंने कही, जो हर छोटे लेन देन में हर किसी के लिए संभव नहीं है। ये तो सभी जानते है।
किसी काउंटर पर मालिक या मैनेजर सिर्फ रुपयों के लेन देन का कार्य करता है। बाकी स्टाफ सिर्फ खाना बनाने या खिलाने का कार्य करते है। वे जगह खाने पीने के लिए कुछ सुरक्षित है। लेकिन काम शुरू करने से पहले एक बार अच्छी तरह हाथ धोना जरूरी है। वेटर जो बार टेबल पोछते है, जूठे बर्तन उठाते हैं, हर बार उनका हाथ धोना जरूरी है। इसके अलावा कई अन्य जगह हो सकती हैं, जहा पर मेरा भी ध्यान नही गया है, जो अलग अलग स्थितियों में बनती है उन्हें ढूंढना जरूरी है। मैने कई जगह पर खाने वाली जगहों पर स्वच्छता का संदेश दिया, तो लोगो ने मेरी बातो पर ध्यान नही दिया। ये काम सरकारी प्रचार माध्यमों से ही संभव है।
हमको भी कोरोना ने मारा, तुमको भी कोरोना ने मारा यारों।
आओ हम सब मिलके इस कोरोना को मार डाले यारों। जिंदगी मौत न बन जाए संभालो यारों। इस कोरोना को मार डालो यारों।।