27 वीं रात शब-ए-क़द्र को कुरान का नुज़ूल (अवतरण) हुआ। एड.वाजिद
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
फुरकान अंसारी
पवित्र रमज़ान इस्लामी कैलेण्डर का नौवाँ महीना है। मुस्लिम समुदाय इस महीने को परम पवित्र मानता है। मुसलमानों के विश्वास के अनुसार इस महीने की 27 वीं रात शब-ए-क़द्र को कुरान का नुज़ूल (अवतरण) हुआ। इसीलिये, इस महीने में क़ुरान को अधिक पढ़ना पुण्यकार्य माना जाता है। तरावीह की नमाज़ में महीना भर कुरान का पठन किया जाता है। जिस से कुरान पढ़ना न आने वालों को कुरान सुनने का अवसर अवश्य मिलता है। एडवोकेट वाजिद अंसारी ने बताया कि रमजान का पहला अशरा रहमत, दुसरा अशरा मगफिरत और तीसरा अशरा जहन्नम से आजादी का होता है। एक अशरा पूरा हो चुका है दूसरा चालू हो गया है।
उन्होंने हदीस व कुरान का हवाला देते हुए बताया कि हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वालेवसल्लम ने इरशाद फरमाया कि रमजान के रहमत के अशरे में रोज़ा रखकर अल्लाह से रहमत (राहत) की दुआ मांगों जो कि हर इन्सान के लिए अल्लाह कि रहमत मिलना बहुत महत्वपूर्ण बात है, जो हमारी जिन्दगी के मराहिल (चरण) तय करता है।
उन्होंने बताया कि तमाम इन्सानियत के लिए अल्लाह कि रहमत ही खास है, इसिलिए वक्त(समय) को देखते हुए अल्लाह ताअला से खुशुसी (विशेष) की दुआ मांगे। उन्होंने आगे कहा कि जो वर्तमान में वबा (बीमारी) चल रही है, जिससे पूरी इन्सानियत मुतास्सिर हो रही हैं अल्लाह से दुआ करें कि ये वबा (बीमारी) जड़ से खत्म हो जाये। उन्होंने लोगों से अपील की है कि कोरोना से बचने के लिए है मास्क लगाये, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे, और हाथों को बार-बार धोते रहे। सरकार की गाइडलाइन का पालन करें।