घर में राशन नही है, कोई काम नही मिल रहा है।
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सैफ अली सिद्दीकी
हल्द्वानी। कोरोना कर्फ्यू होने की वजह से हजारों दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। मजदूर लोगों को महीने में 10-12 दिन ही काम मिल पा रहा है, जिससे दिहाड़ी मजदूरों की अजिविका पर गहरा संकट आ गया है। हजारों दिहाड़ी मजदूर काम न मिल पाने की वजह से वापस घर लोटने को मजबूर है।
हल्द्वानी में लेवर अड्डे पर सुबह से काम की तलाश में निकलें मजदूरों में काम न मिलने को लेकर काफी मारामारी देखने को मिली। बाहरी राज्यों से आने वाले लगभग चार हजार दिहाड़ी मजदूर काम की तलाश में हल्द्वानी आते है। कोरोना कर्फ्यू होने की वजह से लगभग साड़े तीन हजार मजदूर अपने शहरों और गॉव को लोट गए है। दिहाड़ी मजदूरों का कहना है कि काम न मिल पाने की वजह से घर में राशन खत्म हो गया है, घर वापस जाने को मजबूर है। कुछ मजदूरों का कहना है कि हम काम की तलाश में अपने शहरों का छोड़कर हल्द्वानी दिहाड़ी मजदूरी करने आते है, मगर कोरोना कर्फ्यू ने हमारी रोजी-रोटी ही छीन ली है।