जयंती पर याद किए गए अमर शहीद सुखदेव थापुर
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मुरली शर्मा
प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्र सन्मान संघ-मानवाधिकार संगठन ब्यूरो उत्तराखंड नवीन कुमार जैन एडवोकेट ने तहसील कैम्प कार्यलय पर देश की स्वतंत्रता संग्राम के जांबाज क्रांतिकारी शहीद सुखदेव थापुर के 114 वे जयंती वर्ष पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर अधिवक्ता व राष्ट्रभक्तों के साथ कोरोना स्वस्थनिर्दशों का पालन करते हुए श्रध्जंलि दी जैन ने शहीद थापुर के राष्ट्रप्रेम का व्याख्यान करते हुए कहा कि शहीद सुखदेव जी का जन्म 15 मई 1907 को लुधियाना पंजाब में हुआ था उनका लालन पालन ताऊ व ताई ने किया था शहीद देशभक्त सुखदेव जी लौहार नेशनल कॉलेज में शहीद भगत सिंह के साथ शिक्षा ग्रहण की देश की आजदी का सपना सुखदेव जी बचपन से पाले हुए थे उन्होंने लाला लाजपत राय जी की मौत का बदला लेने की ठान ली थी और शहीद भगत सिंह व राजगुरु के साथ मिलकर लेफ्टिनेंट सांडर्स को मौत के घाट उतार दिया था इससे पूर्व सन1929 में अंग्रेजी हुकूमत के हुक्मरान द्वारा जेल में देशभक्त राजनीतिक कैदियों द्वारा अमानवीय व्यवहार के विरोध में की हड़ताल में बढ़ चढ़ कर भागीदारी की ग़ांधी इरविन समझौते में शहीद सुखदेव ने अंग्रेजी में खुला खत लिखकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से कुछ गम्भीर सवाल खड़े किए थे जिसके एवज में शहीद सुखदेव थापुर व भगत सिंह व राजगुरु को 23 मार्च 1931 को जेल के फांसी सम्बन्धी नियमो को दरकिनार कर समय से पहले लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी पर लटका दिया गया था हम सब देश के ऐसे कर्तव्य पालन शहीदो को नमन कर आज सिख ले कि देश की इस कोरोना काल की भयंकर महामारी समय मानवता निभा पीड़ितों की सेवार्थ बढ़ चढ़ कर मदद सेवा कर राष्ट्रकर्तव्य निभाए पुष्प अर्पित कर श्रध्जंलि देने वाले सुनींल गोयल एडवोकेट, अभिनव कुमार एडवोकेट,मनमोहन सिंह एडवोकेट,नसीम अहमद, सचिन गोंड़वाल, अरविंद कश्यप अध्यक्ष व्यापार मंडल,नरेश कुमार नागियांन, सुशील कुमार,अनिल राणा , राजेश वर्मा उपस्थित रहे।