बीज बमो (सीड्स बॉल) से उगाएंगे हरे-भरे पेड़ - विनीता गोनीयाल
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मनोज ननकानी
हरिद्वार - इनर व्हील क्लब हरिद्वार ने विश्व पर्यावरण दिवस(5 जून )को मनाने का एक अनूठा प्रयास किया है।क्लब के सभी मेम्बर्स द्वारा हर साल सीड बॉल्स गतिविधि की जाती है,पर कोरोना काल की वजह से ये कार्य घर पर ही किया गया।विनीता गोनियाल की अध्यक्षता में क्लब द्वारा 1500 सीड्स बॉल्स आम,जामुन,नीम,पीपल, सेब,लीची,अमरूद, आडू,आदि पेड़ो के बीज द्वारा तैयार करने का लक्ष्य रखा है,इन सीड बॉल्स को सभी महिला सदस्य बच्चो के साथ मिलकर घर पर ही बना रही रही और 5 जून को ये बीज बम खाली मैदान प्लॉट्स और हाईवे के किनारे डाले जाएंगे।
आज के नए जमाने में सीड बॉलिंग या सीड बॉमिंग एक ऐसा ही क्रांतिकारी विचार है। हालांकि
वैसे यह भी कहा जाता है कि प्राचीन काल में यह तरीका इसका उपयोग अपने खेतों में खाद्य उत्पादन को बढ़ाने की तकनीक के तौर पर किया। इस तरह सीड बॉलिंग या सीड बॉमिंग दुनिया के कई देशों में प्रयोग किया जा रहा है।
सीड बॉल बीजों को जब क्ले मिटटी (तालाब/झील के तलछट की मिट्टी) या गोबर से 1/2 इंच से लेकर 1 इंच तक की गोल गोल गोलियां से सुरक्षित कर लिया जाता है उसे सीड बॉल कहते हैं।
कई देशों में कोयला, प्राकृतिक उर्वरक और मिट्टी की गेंद भी इस्तेमाल की जाती है। उल्लेखनीय है कि भारत के कई समुदाय भी बहुत समय से इसी तरह से जंगल उगाने और खेती करने के लिए इससे मिलती जुलती पद्धति अपनाते रहे हैं।
सीड बॉल का उपयोग बिना जुताई और बिना जहरीले रसायनों के कुदरती खेती करने और मरुस्थलों को हरियाली में बदलने के लिए उपयोग में लाया जाता है। यह सर्वोत्तम खाद होती है। यह गोली आम जंगली बीजों की तरह जमीन पर पड़ी रहती है बरसात या अनुकूल मौसम आने पर उग आती है। मिट्टी की जैविकता तेजी से पनप कर नन्हे पौधे को पर्याप्त पोषक तत्व प्रदान कर देती है।
इसी तरह सीड बॉमिंग रिफॉरेस्टेशन से पुनर्वनीकरण एक ऐसी तकनीक हजारों सीड बॉल्स को जंगलों या सीधे खड़ी ढ़लानों वाली बंजर जमीन (जहां वनीकरण का सफल होना मुश्किल होता है) पर बरसाया जाता है। सचिव मोनिका अरोरा ने बताया कि ,इस आसन तरीके से हम पेड़ो को उगाकर हमारे लिए स्वच्छ हवा,और एक स्वस्थ पर्यावरण का निर्माण कर सकते है ।बच्चो को उसे जोड़कर हम उन्हे जीवन भर काम आने वाली सिख दे सकते है।सीड बॉल्स की सफलता दर 70 प्रतिशत है।इस कोरोणा काल में ऑक्सीजन का महत्व हम सब ने करीब से जाना और देखा है,तो हम सभी को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने का संकल्प लेना चाहिए।