चार धाम यात्रा और शहर के बाजार रात 8 बजे तक खोलने की इजाजत दे राज्य सरकार - ब्रजवासी
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मनोज ननकानी
हरिद्वार - विशिष्ट परिस्थिति वाले शहर हरिद्वार में बाजारों को खोलने का समय रात्रि 8:00 बजे तक करने और चार धाम यात्रा निर्बाध रूप से प्रारंभ करने की मांग को लेकर शहर व्यापार मण्डल हरिद्वार संबंध प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तराखंड के शहर अध्यक्ष कमल बृजवासी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापित एक ज्ञापन माननीय सिटी मजिस्ट्रेट महोदय के प्रतिनिधि के माध्यम से प्रेषित किया गया इस अवसर पर वार्ता करते हुए शहर महामंत्री प्रदीप कालरा और युवा शहर महामंत्री विक्की आडवाणी ने कहा की हरिद्वार में मां गंगा की विश्व विख्यात संध्या कालीन आरती प्रतिदिन आयोजित होती है जिसका समय सूर्यास्त के हिसाब से प्रबंध कारिणी संस्था श्री गंगा सभा रजिस्टर्ड हरिद्वार तय करती है आजकल यह आरती सांय 7:00 बजे से प्रारंभ होती है आरती संपन्न होने के बाद श्रद्धालु मां गंगा का प्रसाद और पूजा वगैरह की अन्य सामग्री लेने के लिए बाजार में आता है परंतु शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक बाजार शाम को 5:00 बजे बंद कर दिए जाते हैं जो कि हरिद्वार की परिस्थिति को देखते हुए एक अव्यावहारिक कदम है चार व्यापार मंडल मांग करता है हरिद्वार में बाजार खुलने का समय रात्रि 8:00 बजे तक किया जाए शहर उपाध्यक्ष नागेश वर्मा और शहर कोषाध्यक्ष अमित गुप्ता ने सरकार से मांग की क्योंकि अब प्रदेश में कोरोना संक्रमण लगभग समाप्ति की ओर है ऐसे में पूरे देश और विश्व मैं विख्यात चार धाम यात्रा जोकि उत्तराखंड के पर्यटन की रीड की हड्डी भी है उसको सभी श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था के तहत खोला जाना जरूरी है वरिष्ठ व्यापारी नेता राजू मनोचा और राम अरोड़ा ने कहा हरिद्वार का व्यापारी पिछले 2 साल से व्यापारिक मंदी का सामना कर रहा है परंतु सरकार की ओर से व्यापारियों की ओर राहत का कोई भी हाथ नहीं बढ़ाया गया है ऐसे में कम से कम बाजारों को रात्रि तक खोलने और चार धाम यात्रा को सुचारू रूप से प्रारंभ करके हरिद्वार के व्यापारियों को कुछ राहत दी जा सकती है सिटी मजिस्ट्रेट के प्रतिनिधि ने व्यापारियों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्त मांगे उचित आख्या के साथ माननीय मुख्यमंत्री जी पर भिजवाई जाएंगी ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से विपिन शर्मा सतेंद्र झा वरिष्ठ व्यापारी हरीश मल्होत्रा रवि चौहान प्रेम राणा तरूण पाहवा आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।