शिव महापुराण के श्रवण से होती है शिव धाम की प्राप्ति : आचार्य अनुराग
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
पंकज राज
हरिद्वार: श्री सनातन ज्ञान पीठ मंदिर समिति सेक्टर 1 भेल द्वारा सेक्टर 1 स्थित मंदिर में शिव महापुराण कथा का आयोजन आरंभ किया गया। कथा 16 अगस्त तक जारी रहेगी।
कथा के प्रथम दिन रविवार को कथा का शुभारंभ करते हुए आचार्य पंडित अनुराग कृष्ण शास्त्री ने शिव महापुराण के महत्व की कथा सुनाते हुए सबसे पहले शिव महापुराण क्या है यह बताया। उन्होंने बताया कि यह कथा शिव जी ने स्वयं कही है तथा जगत के प्राणियों में जब कलयुग का निवास हो जाएगा तब किन दो उपायों के कारण भक्त संसार के सुख भोग कर स्वर्ग की प्राप्ति कर सकता है। सावन मास में शिव कथा का विशेष महत्व होता है क्योंकि भगवान शिव के हाथों में आजकल सृष्टि का संचालन रहता है तथा एक मास पृथ्वी पर ही रह कर अपने भक्तों के साथ में आनंद उठाते हैं। सावन मास में ही शिव पर एक लोटा जल चढ़ाने पर शिव की कृपा की प्राप्ति होती है। यदि शिवपुराण का श्रवण किया जाए तो सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। कथा कहती है कि देवराज नाम का एक ब्राह्मण था। वह प्रतिदिन चोरी करना मारना किसी की संपत्ति पर कब्जा करना ऐसी कुछ कार्यों में व्यस्त रहता था। कभी भी ईश्वर का नाम नहीं लेता था। जब पाप का पूरा घड़ा भर गया तब उसे 1 दिन बहुत अधिक ज्वर हो गया लेकिन वह किसी भी उपचार से ठीक नहीं हुआ। तब वह एक भगवान शिव के मंदिर गया वहां पर शिवपुराण की कथा हो रही थी और बहुत अधिक साधु महात्मा उसे सुन रहे थे। उसके मन में भी आया कि मैं भी उसको सुन लूं तथा पूरे सावन मास उसने वह कथा सुनी। यह कथा सुनकर उसका उद्धार हो गया और जब उसकी मृत्यु हुई तो भगवान शंकर जी के दूत उसको शंकर के धाम ले गए क्योंकि उसने अंत समय में शंकर जी की कथा का श्रवण किया था इसलिए भगवान शिव ने उसको अपने धाम भेज दिया।
शिव कथा में मुख्य यजमान अशोक सिंघल नीता सिंघल सचिव बृजेश शर्मा सुमन सायला द सिंगर रामकुमार आदित्य गहलोत राकेश मालवीय आदि उपलब्ध रहे।