मनोवांछित फलदाता हैं भगवान शिव : पं.अनुराग
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पंकज राज
हरिद्वार: भेल सेक्टर 1 स्थित मंदिर में चल रही शिव पुराण कथा के दूसरे दिन शिव कथा की महिमा का वर्णन किया गया। कथावाचक ने ईश्वर की कृपा प्राप्त करने हेतु श्रोताओं को भगवान शिव की आराधना करने के लिए प्रेरित किया।
श्री सनातन ज्ञानपीठ कमेटी सेक्टर 1 भेल द्वारा आयोजित श्री शिव पुराण के दूसरे दिन की कथा में पंडित अनुराग शास्त्री ने बताया कि शिव की पूजा करके कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है बस केवल समर्पण भाव की आवश्यकता पड़ती है। शिवपुराण कथा के स्थान चयन के बारे में बताया कि कथा को यदि घर पर किया जाता है तो उसका फल 10 गुना प्राप्त होता है और यदि इसको किसी नदी के किनारे किया जाता है तो इसका फल दोगुना प्राप्त होता है। यदि यह कथा तीर्थ में की जाती है तो उसका फल 1000 गुना प्राप्त होता है और यदि इसको शिव के मंदिर में किया जाता है तो 100000 गुना फल प्राप्त होता है क्योंकि जहां शिव भगवान की स्थापना होती है वह तीर्थ न रहकर महातीर्थ बन जाता है। ऐसे स्थान की महिमा का वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता। शिव की पूजा अभीष्ट फल देने वाली होती है। जब बिंदु नाम का पापी शिव पुराण सुनकर शिव का गण बन सकता है तथा चंचला नाम की स्त्री भी शिव कथा को सुनकर पार्वती मां की सेविका बन सकती है तो कलयुग में तो इस कथा का बहुत अधिक महत्व है। इसको सुनने से गाने से मनन करने से जगत के पापों का नाश हो जाता है। जिसके जीवन में शिव नहीं हैं वह चाहे कितनी भी भक्ति करे लेकिन ईश्वर की कृपा नहीं प्राप्त कर सकता इसीलिए शिव को देव नहीं बल्कि महादेव कहा जाता है। जिस घर में शिवलिंग नहीं होता वहां देवताओं की पूजा स्वीकार नहीं की जाती। जीवन में शिव को अपनाकर मनोवांछित फल प्राप्त किया जा सकता है।
कथा में अशोक सिंघल नीता सिंघल बृजेश कुमार शर्मा अनिल चौहान विष्णु शर्मा राकेश कुमार शर्मा पुष्पा आदि सम्मिलित रहे।