श्री राम कथा के रसिया हैं भगवान शंकर : पं.अनुराग शास्त्री
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पंकज राज
हरिद्वार: सेक्टर 1 भेल स्थित मंदिर में शिव महापुराण कथा जारी है। मंगलवार को श्री सनातन ज्ञानपीठ शिव मंदिर समिति सेक्टर 1 भेल द्वारा आयोजित कथा के तीसरे दिन भगवान शिव को प्राप्त होने के संबंध में तीन उपायों का उल्लेख किया गया।
शिव महापुराण कथा में कथा व्यास पंडित अनुराग कृष्ण शास्त्री ने बताया कि भगवान शिव को मिलने तथा प्राप्त होने के तीन उपाय हैं श्रवण,मनन और कीर्तन। पहला उपाय है श्रवण,जिस व्यक्ति को कथा का श्रवण करना अर्थात सुनना आ गया उसकी पहली अवस्था ठीक हो गई। दूसरे उपाय में जो सुना है,उस पर ध्यान देकर जीवन में धारण करना चाहिए। तीसरे उपाय कीर्तन का अर्थ गाना-बजाना नहीं वरन् इसका अर्थ है कि कथा को दूसरों को भी सुनाएं अर्थात जो शिव कथा से वंचित हैं,दुनियादारी से ग्रसित हैं उन्हें भगवान शिव की महिमा बताएं तथा उनके मन में शिव भक्ति के प्रति उत्सुकता जगाएं। उन्होंने बताया कि भगवान शिव न केवल पुराण के रचयिता हैं बल्कि बहुत अच्छे श्रोता भी हैं। भगवान शंकर को श्री राम कथा अत्यंत प्रिय है और वह स्वयं जाकर मुनियों से राम कथा सुनते हैं।
कथा का विस्तार करते हुए उन्होंने कहा कि इस जगत में यदि पूज्य बनना चाहते हो तो शिव की पूजा करनी पड़ेगी। एक बार ब्रह्मा और विष्णु भगवान में झगड़ा हो गया कि सबसे अधिक पूज्य कौन है। भगवान शिव को जब इस बात का पता चला तब उन्होंने कहा कि आप दोनों जाकर अमुक ज्योतिर्लिंग का पता करो कि इसका आदि तथा अंत कहां है। बहुत वर्षों तक खोजने के पश्चात विष्णु भगवान ने तो शंकर जी से क्षमा मांग ली। दूसरी ओर ब्रह्मा जी ने केतकी पुष्प तथा गाय को गवाह के रूप में तैयार कर लिया। दोनों ने ही जाकर शंकर जी के सामने कह दिया कि हम स्वयं देख कर आए हैं। अंतर्यामी भगवान शंकर ने इनका झूठ पकड़ लिया और गाय को शाप दिया कि तुम्हारी पूजा नहीं होगी तथा केतकी को कहा कि जो तुम्हें मेरी पूजा में अर्पित करेगा उसकी पूजा मैं स्वीकार नहीं करूंगा। तब विष्णु भगवान ने शिवजी से इन दोनों के अपराध क्षमा करने की प्रार्थना की। प्रार्थना से प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ बोले कि जो कोई शिवरात्रि को मेरी पूजा में केतकी के पुष्प चढ़ायेगा,मैं उसकी पूजा को स्वीकार कर लूंगा। गाय से कहा कि जिस मुख से तुमने झूठ बोला है वह तो दुर्गंध से पूर्ण रहेगा लेकिन शरीर के शेष अंगों की पूजा होगी तथा गौदान करने पर मोक्ष की प्राप्ति होगी। ब्रह्मा जी से बोले कि तुम्हारा केवल एक मंदिर पुष्कर में बनेगा। सत्य पर अडिग भगवान विष्णु पर प्रसन्न होकर वरदान दिया कि हर घर में आपकी पूजा होगी तथा सबसे अधिक मंंदिर भी आपके ही बनेंगे।
कथा में मुख्य यजमान अशोक सिंघल,नीता सिंघल,बृजेश कुमार शर्मा,सक्षम,राकेश मालवीय,जयप्रकाश,तेज प्रकाश,अनिल चौहान,विष्णु कुमार,सरला,संतोष चौहान,विभा गौतम आदि शामिल रहे।