ग्रामीणों ने उठाई बिशनपुर तटबंध की मरम्मत की मांग
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पीयूष चौहान
हरिद्वार : सिंचाई विभाग की घोर लापरवाही अजीतपुर से बिशनपुर कुंडी तटबंध पर नजर आती है। इस तटबंध का निर्माण काफी सालों पहले हुआ था। जब तक सिंचाई विभाग का कार्य एवं बांधों की सुरक्षा यूपी सरकार के अंतर्गत रहा तब तक इन तटबंधों की मरम्मत का कार्य बरसात से पहले करा दिया जाता था लेकिन जब से उत्तराखंड सरकार ने इनको अपने अधीन लिया है तब से सिंचाई विभाग के द्वारा घोर लापरवाही की जा रही है। जगह जगह पर तटबंधों में बड़े-बड़े दरार पड़े हुए हैं। 2013 की आपदा के समय भी सरकार की लापरवाही के कारण कई गांव खाली कराने पड़े थे क्योंकि बिशनपुर कुंडी में यह तटबंध टूटने वाला था लेकिन उस समय गंगे मां की कृपा से कोई जनहानि नहीं हो पाई। अगर बिशनपुर कुंडी में उस समय यह तटबंध टूट जाता तो दर्जनों गांव खाली कराने की नौबत आ सकती थी।
ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में बरसात के समय बाढ़ का खतरा मंडराता है लेकिन यहां के आला अधिकारियों की घोर लापरवाही के कारण इस तटबंध को कोई देखने वाला नहीं है। अगर गंगा नदी में अधिक जलस्तर बढ़ता है तो दर्जनों गांव की सुरक्षा इस तटबंध के भरोसे है। पिछले वर्ष भी ग्राम प्रधान कटारपुर के माध्यम से एक पत्र विभाग को सौंपा गया था जिसमें इसकी मरम्मत के लिए राज्य सरकार से प्रार्थना की गई थी लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी किसी ने इसकी सुध नहीं ली है। किसानों को अपने खेतों में आने जाने के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि बिशनपुर गांव और बिशनपुर कुंडी गांव का रास्ता भी इसी तटबंध से जुड़ता है। इसके सही ना होने की वजह से आसपास के गांव के लोग काफी परेशान हैं। रानी माजरा ठंडा भाग मल बिशनपुर कुंडी बिशनपुर कटारपुर शाहपुर अजीतपुर के गांववासी इसका प्रयोग रास्ते के रूप में करते हैं। सिंचाई विभाग की घोर लापरवाही किसी दिन बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकती है। कुंभ मेले के दौरान नया उदासीन अखाड़ा के महंत भगत राम ने अपने निजी खर्च से इस तटबंध पर आरबीएम डलवाया था क्योंकि अखाड़े की काफी कृषि भूमि इसी पर पड़ती है। विभाग के द्वारा जब कार्य नहीं कराया गया तब महंत भगत राम ने अपने निजी खर्च एवं ग्राम वासियों के सहयोग से इस पर कार्य कराया।
सिंचाई विभाग के आला अधिकारियों एवं मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि इस तटबंध की मरम्मत का कार्य शीघ्र कराया जाए ताकि कोई जनहानि ना हो सके।