किसानों की समस्याओं को लेकर हरीश रावत ने रखा मौन व्रत,धरना-प्रदर्शन किया
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विनोद धीमान
लक्सर- लक्सर के मिल गेट के सामने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किसानों की समस्या, महंगाई, बेरोजगारी आदि समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन किया,और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मौन व्रत भी रखा।
आपको बता दें कि आज गोवर्धन पूजा के दिन उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने परदेस में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या बढ़ती महंगाई की समस्या किसानों की समस्या जैसे गन्ना मूल्य वृद्धि घोषित होना,पेराई सत्र का घोषित ना होना, धान की खरीद की उचित पॉलिसी न बनाने की समस्या को लेकर हरिद्वार रोड स्थित लक्सर के आर बी नारायण शुगर मिल के गेट के सामने 1 दिन का उपवास रख कर धरना प्रदर्शन किया।उन्होंने कहा कि हर रोज चीज के दाम बढ़ रहे हैं,बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था साथ-साथ चल रही है,अर्थव्यवस्था ठीक होती है तो रोजगार ठीक होते, कोई घर ऐसा नहीं है जिसमें एक न एक नौजवान रोजगार के लिए न तरसता हो।आमदनी कम होती जा रही है और खर्चा रुपैया से भी ऊपर होता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि रही सही कसर कोरोना ने बिगाड़ कर रख दी है।यह अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है तीसरी लहर ने केरल-महाराष्ट्र में चेतावनी दे दी है। पिछली बार कोरोना में ऑक्सीजन की कमी के कारण 50% लोग मर गए इस बार ऐसा न हो इसका सरकार को ध्यान रखना होगा। किसानों की समस्या पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि किसान विरोधी बिल सरकार को वापस लेने चाहिए,आज तक किसान की आमदनी दुगनी नहीं हुई है,अपनी मांगों को लेकर बॉर्डर पर बैठे लगभग 700 किसान अपना दम तोड़ चुके हैं। लेकिन सरकार अपनी मनमानी पर अडी हुई है। हर तरफ त्राहि-त्राहि मची हुई है। इस अवसर पर कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष राजेश रस्तोगी ने स्पष्ट कहा कि इस बार भाजपाई मुगालते में मत रहना, कांग्रेस को तो पिछले चुनाव में ज्यादा सीटें मिल भी गई थी, भाजपा को 2022 के चुनाव में 11 सीने भी नसीब नहीं होंगी। जनता अब भाजपा की कथनी और करनी से उब चुकी है।उन्होंने कहा कि धान खरीद केंद्रों पर जब किसान धान लेकर जाता है तो क्रय केंद्रों पर उसके धान को कमियां बता कर वापस कर दिया जाता है,धान का उचित मूल्य किसान को नहीं मिल पाता,13 -14 सो के हिसाब से उसे अन्य जगह बेचने पर मजबूर होना पड़ता है।यही हाल गन्ने को लेकर है गन्ना खरीद मूल्य घोषित नहीं किया गया,जबकि पंजाब- हरियाणा के बाद उत्तर प्रदेश में भी खरीद मूल्य घोषित कर दिया है अब उत्तराखंड रह गया है। उत्तराखंड का किसान पिछले 25 दिनों से केवल खेत देखकर हिसाब लगाता रहता है कि यह रेट हुआ तो इतना धन मिलेगा वह रेट हुआ तो इतना धन मिलेगा, वह सिर्फ हिसाब लगाकर ही रह जाता है। मजबूर किसान अपनी आर्थिक स्थिति पूरी करने के लिए चरखीयों पर गन्ना डालने पर विवश है।
इस अवसर पर सत्यवीर सिंह पूर्व मंडी समिति चेयरमैन, हाजी तस्लीम, डॉ उमा दत्त शर्मा, बालेश्वर सिंह प्रदेश सचिव, चौधरी सतवीर सिंह, कृष्णपाल मुखिया, चौधरी विनोद कुमार, सुशील राठी, धर्मेंद्र प्रधान,शाहनवाज खान, संजय वर्मा, देवेश राणा नगर कांग्रेस अध्यक्ष, इलम चंद, प्रमोद चंद्रपुरी, ताहिर हसन, शादाब, पूर्व मंडी डायरेक्टर रीना गुप्ता,रतेंद्र तिवारी सभासद आदि बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी/कार्यकर्ता व नेता गण उपस्थित रहे।