मोदी सरकार केवल दो-तीन पूंजीपतियों के हितों के लिए देती है देश के जनमानस को तकलीफें - राहुल गांधी
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मनोज ननकानी / विपुल सकलानी
देहरादून - दून में विजय संकल्प रैली में उमड़े जनसैलाब से कांग्रेसी नेता गदगद दिखाई दिये। 5 दिसम्बर को प्रधानमंत्री मोदी की रैली के माध्यम से चुनावी शंखनाद होने के कारण इस मायने में उत्तराखण्ड राहुल गांधी की यह रैली ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जा रही थी। चुनावी विश्लेषकों द्वारा दोनों रैलियों का तुलनात्मक विवेचन करना आरम्भ कर दिया।
रैली को सम्बोधित करते हुए राहुल गांधी ने जहां भाजपा पर जमकर प्रहार किया, वहीं गोदी मीडिया पर भी निशाना साधा। राहुल गांधी ने अपनी दादी इन्दिरा गांधी, पिता राजीव गांधी के बलिदान को याद करते हुए उत्तराखण्ड के सेना के शहीदों के परिवार से जोड़ते हुए कहा कि जो परिवार अपने सदस्यों की शहादत देखता है, वही दूसरे की शहादत का मूल्य भलीभांति समझता है, लेकिन जिनका शहादत से कोई नाता नहीं होता, वह शहादत के महत्व को क्या समझेगा?
नोटबन्दी, जीएसटी से लेकर किसान आन्दोलन तक का उल्लेख करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार केवल दो-तीन पूंजीपतियों के हितों के लिए देश के जनमानस को तकलीफें देती है। मीडिया द्वारा मोदी के गंगा स्नान पर किये गये कवरेज पर चुटकी लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश में केवल एक ही व्यक्ति गंगा स्नान करता है, यहां तक कि प्रधानमंत्री के साथ उपस्थित उ0प्र0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षामंत्री राजनाथ को गंगा स्नान की मनाही होती है।
रैली सम्बोधन से पूर्व राहुल गांधी द्वारा 1971 के युद्ध सैनिकों को मंच पर सम्मानित किया गया। सीडीएस जनरल विपिन रावत को श्रद्धांजलिस्वरूप दो मिनट का भी मौन रखा गया। रैली को अन्य मुख्य वक्ताओं के रूप में चुनाव प्रभारी अविनाश पाण्डे, प्रभारी देवेन्द्र यादव, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल आदि ने किया।
रैली के दौरान विधानसभा चुनाव के दावेदारों का शक्तिप्रदर्शन भी चर्चाओं में रहा। पर्वतीय क्षेत्रों में चकराता से प्रीतम सिंह और देवप्रयाग से मंत्री प्रसाद नैथानी के समर्थकों की भीड़ जहां ध्यानाकर्षण करने में सफल रही, वहीं देहरादून में सहसपुर से आर्येन्द्र शर्मा और कैंट विधानसभा क्षेत्र से वीरेन्द्र पोखरियाल के समर्थकों की भारी तादात की चर्चा बनी रही।