नेस्ले इंडिया ने मसूरी में हिलदारी प्रोजेक्ट के तीन साल पूरे किए
सुनील सोनकर
हिलदारी प्रोजेक्ट के तहत 10,000 मीट्रिक टन से अधिक अपशिष्ट इकट्ठा किया गया
मसूरी : नेस्ले इंडिया की ओर से प्रोजेक्ट हिलदारी ने आज मसूरी को स्वच्छ एवं हरित बनाए रखने के तीन सालों का जश्न मनाया। पिछले सालों के दौरान इस प्रोजेक्ट के परिणामस्वरूप 10,000 मीट्रिक टन से अधिक ठोस अपशिष्ट को बहु-हितधारक साझेदारी के माध्यम से हैण्डबिल से डायवर्ट किया गया है, इस साझेदारी में नगर परिषदों, नागरिकों, ठेकेदारों, अपशिष्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों और प्रभाव कविताओं का योगदान शामिल है। पर्यटन नगरी में स्वच्छता के लिए देश का सबसे सुंदर व स्वच्छ हिल स्टेशन बनाने के लिए कार्य कर रही हिलदारी संस्था के तीन वर्ष पूरा होने पर एक होटल के सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर राज्य के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश के नगर निगमों व पालिकाओं में पर्यावरण मित्रों की संख्या लगातार कम हो रही है नई भर्ती के साथ संविदा पर भी रोक लगी है ऐसे में स्वच्छता को बनाये रखना एक चुनौती बन गया है। लेकिन कई संस्थाएं स्वच्छता के कार्य कर है जो सहारनीय है। उन्होंने कहा कि मसूरी का नाम पूरे विश्व में हैं ऐसे में मसूरी को साफ रखने की जिम्मेदारी केवल नगर पालिका पर ही नहीं है बल्कि सभी की है उन्होंने कहा कि पर्यावरण को दूषित करने में प्लास्टिक का बड़ा योगदान है जिसपर सरकार द्वारा पूर्ण रूप् से प्रतिबंध लगा दिया गया है ऐसे में लोगो को प्लास्टिक का प्रयोग नही करना चाहिये। लाइब्रेरी स्थित गाड़ीखाना को नगर पालिका ने बंद किया यह बड़ी उपलब्धि है वहीं इसके सौदर्यीकरण के लिए तीन करोड़ 90 लाख रूपये स्वीकृत करा वहां का सौदर्यीकरण किया गया उन्होंने कहा कि कोरोना काल में स्वच्छता कर्मियों ने का कार्य सराहनीय रहा इसलिये उनको कोरोना वारियर्स भी कहा गया।
हिलदारी की तीन सालों की सफल यात्रा के उपलक्ष्य में सभी हितधारकों के सहयोग से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पिछले सालों के दौरान किए गए प्रयासों पर रोशनी डाली गई। इस यात्रा के द्वारा दर्शाया गया कि किस तरह पहले शहर का सारा कूड़ा 150 साल पुराने लैण्डफिल- गद्दीखाना में डाल दिया जाता था। इस कूड़े से न सिर्फ वायु प्रदूषण होता था, बल्कि शहर के जल संसाधन भी प्रदूषित हो रहे थे। बीते सालों के दौरान किए गए प्रयासों के चलते अब शहर के कूड़े को रीसायक्लिंग और प्रोसेसिंग के लिए देहरादून स्थिति शीशमबाड़ा युनिट में भेजा जाता है। स्थानीय निवासी भी कूड़े के पृथक्करण में सहयोग प्रदान कर रहे हैं, ताकि स्थायी अपशिष्ट प्रबन्धन को सुनिश्चित किया जा सके। सार्वजनिक स्थलों की दीवारों पर अपशिष्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों के चित्रों एवं तस्वीरों, अपशिष्ट से की गई कलाकारी के इन्सटॉलेशन द्वारा शहर में सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। इसके अलावा लोगों को स्वच्छता, अपशिष्ट पृथक्करण एवं गंदगी न फैलाने के लिए जागरूक भी बनाया जा रहा है।
संजय खजूरिया, डायरेक्टर- कॉर्पोरेट अफेयर्स, नेस्ले इंडिया ने कहा, ‘‘हिलदारी पहल का मानना है कि हम सभी इस दुनिया को बेहतर बनाने के लिए योगदान दे सकते हैं। बहुत से लोगों ने हिलदारी परियोजना के साथ हाथ मिलाया है तथा ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन द्वारा स्थायी बदलाव लाने एवं पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमें विश्वास है कि अपशिष्ट प्रबंधन के लिए आपसी सहयोग से युक्त दृष्टिकोण अपनाकर पर्यावरण पर दीर्घकालिक प्रभाव उत्पन्न कर सकते हैं।
मिस ज्योति महापसेकर, अध्यक्ष, स्त्री मुक्ति संगठन ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि हमें इस अनूठी परियोजना पर काम करने का मौका मिला है, जो आपसी सहयोग एवं समावेशन के मूल्यों पर संचालित की जा रही है। प्रोजेक्ट हिलदारी की खूबसूरती यह है कि यह ठोस अपशिष्ट के प्रभावी प्रबन्धन को सुनिश्चित कर, श्रृंखला के हर हितधारक तक पहुंचती है जो अपशिष्ट आपूर्ति श्रृंखला के के सबसे नीचले स्तर पर है और वंचित है- इनमें अपशिष्ट पर काम करने वाले हमारे औपचारिक एवं अनौपचारिक कर्मचारी भी शामिल हैं। हमें गर्व है कि आज मसूरी में अपशिष्ट पर काम करने वाले तकरीबन सभी 200 कर्मचारियों को पेशेवर प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अनौपचारिक सेक्टर से कूड़ा बीनने वाली महिलाओं को भी स्वयं सहायता समूहों के साथ जोड़ा गया है, जिससे उनके लिए आय के वैकल्पिक स्रोत उत्पन्न हुए हैं।’’
मिस मेहा लाहिरी, चीफ़ फाइनैंशियल ऑफिसर, रेसिटी नेटवर्क ने कहा, ‘‘यह देखकर अच्छा लगता है कि हमारी वेस्ट इंटेलीजेन्स टेक्नोलॉजी तथा साझेदारों, शहर प्रशासन एवं नागरिकों के सहयोग से मसूरी के अपशिष्ट प्रबन्धन में क्रान्तिकारी बदलाव आया है। मसूरी को देश के पहाड़ी इलाकों में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के लिए मॉडल शहर बनाने का हमारा दृष्टिकोण साकार हो गया है। अपने आप में एक समावेशी मॉडल जिसे बड़े पैमाने पर लागू किया जा सकता है।’’
महामारी के दौरान हिलदारी टीम ने अपशिष्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को वर्चुअल प्रशिक्षण देकर सहयोग प्रदान किया, और उन्हें कार्य का सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराकर न्यू नॉर्मल के अनुसार बदलावों को अपनाने के लिए तैयार किया। उन्हें पीपीई किट एवं सुरक्षा किट दिए गए, इनके इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें बताया गया कि कैसे न्यूनतम संपर्क के साथ कूड़ा इकट्ठा किया जाए, सेनिटेशन एवं सुरक्षा के बारे में उन्हें पूरी जानकारी दी गई। अपशिष्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को अपशिष्ट के पृथक्करण एवं संग्रहण पर निगरानी हेतु स्मार्टफोन एवं डिजिटल मॉनिटरिंग ऐप्स के इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षित किया गया।
प्रोजेक्ट हिलदारी के बारे में
हिलदारी नेस्ले इंइडया की एक पहल है जो देश के पर्यटन नगरों में ठोस एवं प्लास्टिक अपशिष्ट के प्रबन्धन के लिए समावेशी एवं सशक्त मॉडल के विकास को समर्थन प्रदान करता है। वर्तमान में इसका संचालन मसूरी, नैनीताल, डलहौज़ी, पोंडा, महाबलेश्वर और मुन्नार में स्त्री मुक्ति संगठन द्वारा रेसिटी नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से किया जा रहा है, जो इस परियोजना का टेकनिकल पार्टनर है। इस पहल के तहत अब तक 15,000 मीट्रिक टन से अधिक अपशिष्ट को लैण्डफिल से डाइवर्ट किया जा चुका है और यह नगर परिषदों, नागरिकों, ठेकेदारों, अपशिष्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों और प्रभावकर्ताओं के साथ आपसी सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण के माध्यम से अनौपचारिक क्षेत्र में 650 से अधिक कूड़ा बीनने वालों और अपशिष्ट संग्रहण करने वालों को पेशेवर प्रशिक्षण देने के लिए कार्यरत है।