जलभराव की समस्या से मुक्ति को निगम क्षेत्र को बांटा गया पांच जोन में,मेयर गौरव गोयल की सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में दी गई जानकारी
फुरकान अंसारी
रुड़की:नगर निगम क्षेत्र में जलभराव की समस्या बहुत पुरानी है तथा बरसात के दिनों में यह समस्या और अधिक विकराल रूप धारण कर लेती है।नालों के माध्यम से इस समस्या को कम करने के लिए मेयर गौरव गोयल द्वारा प्रति वर्ष नगर निगम के सभी नालों की तह तक सफाई का कार्य कराया जाता है।बरसात के पानी की निकासी की समस्या का समाधान ढूंढने के लिए मेयर गौरव गोयल के प्रयास रंग लाते दिखाई दे रहे हैं।नगर निगम सभागार में सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ नगर के मेयर,अधिकारियों व पार्षदों के साथ हुई बैठक में इस समस्या से निपटने के लिए सुझावों का आदान-प्रदान किया गया।मुख्यमंत्री द्वारा रुड़की नगर के लिए प्रस्तावित योजना के अंतर्गत जल निकासी को लेकर रुड़की नगर निगम क्षेत्र को तीन भागों में विभाजित कर इस समस्या का समाधान किया जाना है।सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता पीएल नौटियाल ने बताया कि जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए निगम क्षेत्र को पांच जोनों में बांटा गया है,जिसमें प्रथम जोन में आवास विकास,अंबर तालाब,सत्ती मोहल्ला,मच्छी मोहल्ला,चंद्रपुरी,बीटी गंज द्वितीय जोन में कृष्णा नगर,आजाद नगर,शिवपुरम्,सेहतपुर,गणेशपुर,प्रीत विहार वे तृतीय जोन में पठानपुरा,भंगेड़ी,खंजरपुर,टोडा कल्याणपुर,जलालपुर और दुर्गा कॉलोनी को शामिल किया गया है,बाकी दो जोनों के क्षेत्रों को अभी चिन्हित किये जाने का कार्य हो रहा है।उन्होंने बताया कि लगभग 493 करोड रुपए की प्रस्तावित इस योजना पर कार्य किया जाना है,जिससे नगर निगम क्षेत्र की जलभराव एवं पानी निकासी की समस्या से नगरवासियों को मुक्ति मिलेगी।मेयर गौरव गोयल ने कहा कि नगर निगम के नालों का चौड़ीकरण करने तथा अतिक्रमण हटाने को लेकर नगर निगम प्रशासन लगातार कार्य कर रहा है।नगर आयुक्त विजयनाथ शुक्ला ने कहा कि जलभराव की समस्या से निपटने के लिए निगम के अधिकारी पूरी तरह लगे हुए हैं।इस अवसर पर सहायक नगर आयुक्त एसपी गुप्ता,विशाल रस्तोगी,राकेश कुमार,विश्वास पारकर,पार्षद पूनम देवी,डा.नवनीत शर्मा,वीरेंद्र गुप्ता,रमेश जोशी,हरीश शर्मा, चारू चंद्र,विजय सिंह रावत,सचिन कश्यप,अनूप राणा,नितिन त्यागी,अंजू देवी,राकेश गर्ग,पंकज सतीजा, प्रमोद पाल,संजय कश्यप,अब्दुल कयूम,आयुष कुमार आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।