नेशनल पार्क और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के 1 किलोमीटर के दायरे में खनन और स्थाई निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया बैन
अभिषेक बंसल
हरिद्वार: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश दिया कि नेशनल पार्क और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के भीतर खनन और स्थाई निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने ये भी निर्देश दिया कि प्रत्येक संरक्षित वन, जो कि एक नेशनल पार्क या वाइल्ड लाइफ सेंचुरी है, उसकी सीमांकित सीमा से कम से कम एक किलोमीटर का इको सेंसेटिव जोन होना चाहिए, जिसमें गतिविधियों को प्रतिबंधित किया गया हो। साथ ही कहा कि 9 फरवरी, 2011 के दिशा-निर्देशों में निर्धारित का कड़ाई से पालन किया जाएगा।
कोर्ट ने आगे कहा कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक और हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के गृह सचिव सभी नेशलन पार्क और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के इको सेंसिटव जोन के अंदर उपयोग की प्रकृति के संबंध में उक्त दिशानिर्देशों के उचित अनुपालन के लिए जिम्मेदार रहेंगे। कोर्ट ने हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक को संबंधित इको सेंसेटिव जोन के अंदर मौजूदा संरचनाओं और इससे मिलते-जुलते चीजों की लिस्ट बनाने और तीन महीने के भीतर एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।