मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज द्वारा ब्रिटेन की महारानी को भेजी गई उनकी जन्म कुंडली
सुनील सोनकर
मसूरी: मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज द्वारा ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ 2 को भेजा पत्र, 1956 में उनके ज्योतिष पिता द्वारा बनाई गई महारानी की जन्मकुंडली भी भेजी
मसूरी में मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ 2 के 70 साल के शासन को पूरे होने पर उनको शुभकामनाएं दी वहीं उनके प्राइवेट सेक्रेटरी को पत्र लिखा कर उनके पिता आर जी आर भारद्वाज द्वारा ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ की बनाई गई जन्म कुंडली की मूल कॉपी भेजी है। उन्होंने कहा कि उनके पिता ज्योतिष विद्या के विद्वान थे और उनके द्वारा ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ 2 की 20 मई 1953 में बनाई गई जन्म कुंडली में स्पष्ट कर दिया गया था कि महारानी एलिजिबल का शासन ऐतिहासिक रहेगा वही शांतिपूर्ण तरीके से वह अपना शासन को चलाएंगे वह उनकी लम्बी आयु होगीफ। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी उनके द्वारा ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ 2 को पत्र लिखा था जिसका संज्ञान लेकर उन्होंने उसका जवाब दिया था। उन्होंने कहा कि अब उनके पिताजी इस दुनिया में नहीं है परंतु कई महत्वपूर्ण दस्तावेज आज भी शामिल है जहां पर भगवान राम, कृष्ण आदि की जन्मपत्री उनके द्वारा लिखी गई है वहीं उनके पिता आर जी आर भारद्वाज बड़े ज्योतिष थे वह देश और विदेशों के बडे राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता अपनी जन्म कुंडली को बनवाने के लिए मसूरी आते थे। उन्होंने कहा कि महारानी इंग्लैंड 96 साल की हो गई है और 70 साल उनके शासन को हो गया है जिसकी घोषणा उनके द्वारा उनके पिताजी द्वारा की गई थी और वह सटीक साबित हुई है उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ 2 पूरी दुनिया में जानी जाती है 14 देशों के राष्ट्रपति उनसे मुलाकात कर चुकी हैं उन्होंने कहा ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ 2 की जन्म कुंडली में खास बात है कि उनकी लंबी उम्र होगी और उनके शासन में कोई किसी प्रकार की कोई बड़ी घटना दुर्घटना नहीं होगी और वह शांतिपूर्ण तरीके से वह अपने राज्य को संचालित करेंगी। वही पूरी दुनिया में अनोखा नाम उनका होगा। उन्होने कहा कि उनके परिवार में 500 वर्ष से ज्योतिष का काम किया जा रहा है उनके पास 300 वर्ष पुरानी श्री रामचंद्र, कृष्ण भगवान, गुरु नानक देवी की जन्मकुडंली उनके पास है वह उनके पिता जी स महात्मा गांधी लवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, मोतीलाल नेहरू, मदन मोहन मालवीय आदि व्यक्तिगत रूप से आते थे और जन्म कुडंली बनवा थे जिसके प्रमाण उनके पा आज भी मौजूद है। उन्होंने कहा कि उनके पास कई महत्वपूर्ण इतिहास, एंटिक समार्गी के साथ दस्तावेज हैं जिसको सरकार द्वारा संरक्षित किया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि उनके द्वारा सरकार से लगातार मांग की जा रही है परंतु इतिहास और महत्वूर्ण समाग्री को संरक्षण को लेकर काम नहीं किया जा रहा है उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनके पास रखे इतिहास, दस्तावेज और एंटिक चीजों को प्रर्दशित करने के लिये मसूरी में म्यूजीयम बनवाया जाये जिससे आने वाली पीढ़ियों को इतिहास के बारे में जानकारी मिल सके वही देश विदेश से मसूरी आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सके।