गौलापार के किसानों के साथ धान खरीद में धोखाबाजी
किसानों ने लगाया धांधली का आरोप
धान क्रय करने की जिम्मेदारी लेने वाली किसानों की समिति बचने का कर रही प्रयास
दया जोशी और नरेन्द्र मेहरा
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
सरकार द्वारा इस वर्ष का धान का समर्थन मूल्य रुपए 1868 तय किया गया था। और किसानों के बारीक धान को खरीदने से खरीद करने वाली एजेंसी एफसीआई ने मना कर दिया। जिसकी वजह से किसानों को अपने बासमती जैसे धान को 1400 रुपए में बेचने को मजबूर होना पड़ा। रही सही कसर वहां पूरी हो गई जब पहली बार धान खरीदने की जिम्मेदारी लेने वाली कुंवरपुर बहुद्देशीय किसान सेवा सहकारी समिति द्वारा क्षेत्र की 400 किसानों को पंजीकृत किया कि हम आपके धान को समर्थन मूल्य में खरीदेंगे। बावजूद इसके मात्र 200 किसानों के धान खरीदने के बाद धान खरीद रोक दी गई और कम से कम 200 किसानों का लगभग 3000 कुंटल धान अभी घरों में डंप है। किसानों की सबसे बड़ी मजबूरी यह है कि उनकी फसल यदि बाजार में बेची जाती है तो उनको कम से कम ₹400 प्रति कुंटल का घाटा होगा जिसकी वजह से किसानों को भारी नुकसान और परेशानी झेलनी पड़ी हैं। किसानों ने सहकारी समिति तोल पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां पर खरीद गलत तरीके से की गई है कम जोत वाले किसान के रजिस्ट्रेशन में अन्य लोगों का धान तोला गया है। कुछ लोगों ने अपने पड़ोसियों का धान औने पौने दामों में खरीदकर यहां पर अपने रजिस्ट्रेशन में तुलवाया है। जबकि क्षेत्र के अनेकों किसान धान तुलवाने से वंचित हैं तथा आर्थिक हानि उठा रहे हैं।
क्या है किसानों का कहना
किसानों का कहना है कि मंडी में जब धान तुलवाया जाता था तो हमें सुविधा होती थी हम अपनी एक ट्रॉली धान को 2 घंटे में तुलवा कर आ जाते थे। जबकि यहां पर नंबर के हिसाब से महीनों तक किसानों को इंतजार करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि यदि हम अपने धान को बाजार भाव में देते हैं तो हमें कम से कम ₹400 कुंटल का नुकसान हो रहा है।
कुछ किसानों का कहना है कि जब उन्होंने हमारा रजिस्ट्रेशन किया है तो इनको धान खरीदना ही पड़ेगा।
किसानों का कहना है कि धान नहीं खरीदने के कारण हम अगली फसल लगाने के लिए आर्थिक रूप से परेशान हैं। उनका कहना है यदि समर्थन मूल्य तय है तो हमारा धान समर्थन मूल्य में ही खरीदा जाए चाहे इस जान को कोई भी खरीदे।
क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व प्रधान त्रिलोक सिंह नौला ने आरोप लगाते हुए कहा है कि समिति द्वारा धान खरीद में गड़बड़ी की गई है। उधम सिंह नगर जिले से धान यहां लाकर तोला गया है साथ ही 400 किसानों का रजिस्ट्रेशन करने के बाबजूद मात्र 206 किसानों का ही धान तोला गया है बाकी किसानों से धान तोलने से मना किया गया है। उक्त संबंध में हम जिलाधिकारी महोदय से मिल चुके हैं उनका कहना है कि एफसीआई द्वारा रजिस्ट्रेशन करने के बाद धान उन्हें खरीदना पड़ेगा यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई गई तो उसकी जांच की जाएगी।
क्षेत्र के किसान दीपक मेहरा एवं अश्वनी सिंह ने रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि हमारा रजिस्ट्रेशन होने के बावजूद भी ध्यान नहीं तोड़ा जा रहा है। यदि किसानों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी की जाएगी तो हमें आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा।
किसान जसविंदर सिंह संधू एवं सुखेन्दर सिंह संधू ने आरोप लगाया है कि डेढ़ माह पूर्व धान तोलने के बावजूद आज तक उनके खाते में रकम नहीं आई है।