मौहम्मद अली जौहर युनिवर्सिटी पर हुयी कार्रवाई को लेकर की बैठक
पूर्व चेयरमैन व चेयरपर्सन पति ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
उपजिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को भेजा ज्ञापन
कपिल कुमार गोयल
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
नजीबाबाद। मौहम्मद अली जौहर युनिवर्सिटी की भूमि पर की गयी अधिग्रहण की कार्यवाही के खिलाफ पूर्व चेयरमैन व चेयरपर्सन पति की ओर से बैठक बुलायी गयी। उक्त बैठक में वक्ताओं ने की गयी कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित होना बताया । साथ ही महामहिम राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा गया।
शनिवार को अपराह्न एक बजे पूर्व चेयरमैन व चेयरपर्सन पति मौहम्मद मौअज्जम खान एड. के आवास पर एक सर्वदलीय बैठक आहूत की गयी। जिसको समाजवादी पार्टी, आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) तथा कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं के अलावा नगर पालिका सभासद व अन्य मौअज्जिज लोगों संबोधित किया। पूर्व चेयरमैन मौअज्जम खान ने कहा कि सरकार की ओर से मौहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की सैकड़ों बीघा जमीन बेबुनियाद इल्जामात लगाकर सरकार के अधिग्रहण करने की कार्यवाही की है। जिसके खिलाफ अपना विरोध दर्ज करने के लिए यह बैठक बुलाई गयी है। उन्होंने कहा कि मौहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी विश्व में ख्याति प्राप्त शैक्षणिक संस्थान है। उक्त शैक्षणिक संस्था मौहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी पिछले कई महीनों से नफरत, द्वेष भावना तथा राजनीति का शिकार हो रही है। इस संस्था के मुख्य द्वार के ध्वस्तीकरण, अजीम लाइब्रेरी पर सरकारी फरमान इसी का नतीजा है। इसकी दीवारों पर सरकारी बुलडोजर चलाए जाने के साथ ही सरकार हिटलरी फरमान जारी कर इस महान शैक्षणिक संस्था पर अपनी मिल्कियत का दावा करते हुए यूनिवर्सिटी बंद कर उन पूंजीपतियों को मजबूत करना चाहती है, जिन्होंने शिक्षा को मात्र व्यापार के रूप में स्थापित कर लिया है। इस युनिवर्सिटी में प्रदेश में सबसे कम खर्च पर शिक्षा दी जाती है। यह शैक्षणिक संस्था सिर्फ मौहम्मद आजम खान के बनाए जाने की वजह से निशाने पर है। उन्होंने कहा कि अशिक्षा ही नक्सलवाद, माओवाद और आतंकवाद की जड़ है। मुल्क को आतंकवाद, नक्सलवाद और माओवाद से बचाने के लिए नौजवान नस्ल के हाथों में कलम थमाना होगा। उपजिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में तत्काल सरकारी फरमान को वापस लेने की मांग की गयी है। ज्ञापन में कहा गया है कि शिक्षित समाज ही मजबूत राष्ट्र का निर्माण करता है और एक मजबूत राष्ट्र ही आगे चलकर विश्व गुरू बनता है। कहा कि यह विश्वविद्यालय सिर्फ मौहम्मद आजम खां का ही नहीं है बल्कि इसमें समस्त भारतवासियों ने योगदान दिया है। राजनैतिक दुश्मनी के शैक्षणिक संस्थाओं तक पहुंचने के दूरगामी परिणाम होंगे, जो कि देश के हित में नहीं है। इस अवसर पर नपा सभासद रंधावा सिंह, शेख मौहम्मद आबिद, मौ. शारिक, शब्बन खान, इरशाद अहमद, मौ. इदरीस, जगदीश, जाकिर, मौ. अरशद, दिलदार, इंतजार मूसा, तनवीर अहमद, मौ. सलीम रफूगर, मौ. फहीम, सनाउल्लाह, सरताज जौहरी, सिराजुद्दीन समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।