डॉ अरविंद श्रीवास्तव को "मैं निर्भया हूँ" पुस्तक लेखन के लिए मिला पुरस्कार
गौरव अरोड़ा
हरिद्वार : मैं निर्भया हूँ,पुस्तक महिलाओं के प्रति हो रहे अपराध व कानूनी लड़ाई के मर्मस्पर्शी पहलुओं पर आधारित हैं। इस पुस्तक के लेखन के लिए कनाडा की युकियोटो पब्लिकेशन हाऊस द्वारा अयोजित कार्यक्रम में भारत समेत दुनिया भर के 25 देशों, अमेरिका, फ्रांस, जापान, चीन, जीमांबवे इत्यादि देशों से आए हुए वरिष्ठ स्तंभकारों, लेखकों, को उनके उत्कृष्ठ लेखन के लिए सम्मानित करते हुए अधिवक्ता डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव को उनकी पुस्तक "हाँ मैं निर्भया हूं " के लिए पुरस्कृत किया गया। रोशनाबाद स्थित कचहरी में कार्यरत वकीलों ने अरविंद श्रीवास्तव को बधाई दी।
रविवार को दिल्ली स्थित होटल विवांता में आयोजित श्रेष्ठ संकलन पुरस्कार समारोह में युकियोटो प्रकाशन हाऊस ने डॉ अरविंद श्रीवास्तव को पुरस्कृत किया। रोशनाबाद स्थित कचहरी में कार्यरत वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव की मैं निर्भया हूँ, दूसरी पुस्तक है। जबकि पहली पुस्तक हां, मैं विवादित हूँ, प्रकाशित हो चुकी हैं। अरविंद श्रीवास्तव को पहली पुस्तक के लिए गोवा में ग्लोबल स्कॉलर्स फाउंडेशन सम्मानित किया गया था। अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों पुस्तकों में महिलाओं के प्रति अपराध व कानूनी लड़ाई और देश में प्रचलित विवादित कानूनों से संबंधित विषयों पर लिखी गई है।मंगलवार को रोशनाबाद कचहरी स्थित चैंबर पर पहुंचकर वकीलों ने उन्हें प्राप्त पुरस्कार के लिए बधाई दी। वकील कृष्ण कुमार सैनी ने अरविंद श्रीवास्तव की दोनों पुस्तक लेखन पर महिलाओं के प्रति मर्मस्पर्शी विषय को उठाने व प्रचलित विवादित कानूनों के लिए साधुवाद दिया।
बधाई देने वाले प्रवेक पालीवाल, राहुल भाटिया, प्रणव बंसल,रोहित कनवाल, केके सैनी,अमरीश कुमार,आशु शर्मा,हर्षित भाटिया,आराध्य,मुकेश सारस्वत, प्रवीण चौहान, संदीप भट्ट, सुभाष, जिगर श्रीवास्तव, युवराज, सतीश पवार व सौरभ माहेश्वरी आदि अधिवक्ता शामिल रहे।